मशहूर शायर मुनव्वर राणा की दो पंक्तियां यहां एकदम सटीक बैठती हैं मंज़िल क़रीब आई तो एक पांव कट गया, चौड़ी हुई सड़क तो मेरा गांव कट गया! कहते हैं होनी को कौन टाल सकता है. जब नसीब में ही अपने परिवार से मिलना उनकी खुशियों में शरीक होना ना लिखा हो तो कोई क्या कर सकता है. जी हां ऐसा ही कुछ हुआ है कन्नौज के विजय कुमार के साथ भी.

आगरा एक्सप्रे वे पर हादसे में पिता और बेटी की मौत
दरअसल विजय कुमार पिछले करीब 9 सालों से इटावा जेल में सजा काट रहे थे. विजय की रिहाई की राह तकते घरवालों को आखिरकार ये दिन भी नसीब हुआ. खबर मिली कि विजय की रिहाई की डेट आ गई है और वो रिहा भी हो गया. विजय को उसकी बेटी और पत्नी जेल के गेट से लेकर घर के लिये ऑटो में सवार होकर निकली. तो बीच रास्ते में ही लखनऊ- आगरा एक्सप्रे वे के तलाग्राम क्षेत्र में एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने ऑटो में पीछे से जोरदार टक्कर मार दी. ऑटो का इतना भयानक एक्सीडेंट हुआ कि 9 वर्ष बाद जेल से रिहा हुए विजय कुमार और बाप का इंतेज़ार में जिंदगी गुज़ार रही बेटी की मौत हो गई. वहीं पत्नी और ऑटो चालक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. उनका तिर्वा के मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. 

घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
वहीं हादसे को लेकर पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है. यदि तहरीर मिलती है तो उसके आधार कार्यवाही की जाएगी. फिलहाल हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई थी. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. जबकि घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचा दिया गया है. जहां उनका इलाज जारी है.

हत्या के मामले में जेल में बंद था विजय 
21 मई 2012 में छोटेलाल निवासी ग्राम पडुआपुर (पोस्ट गुगरापुर) की खेत में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस केस में पांच लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. मुख्य आरोपी विजेंद्र कुमार था. जबकि बाकी आरोपियों में बाबू, राम बाबू , छविराम और विजय कुमार थे. विजय पहले अनौगी जिला जेल में था, कुछ समय के लिए अपील पर बाहर आया था. उसके बाद उसे इटावा जिला जेल भेज दिया गया. गुरुवार को जब वह 9 साल की सजा काट कर घर लौट रहा था, तभी सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई. 

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