नोएडा से सटे मेरठ में डीजल चोरी और मिलावट का खेल कई सालों से चल रहा था। पुलिस ने परतापुर थाना क्षेत्र के गेझा गांव में गोदाम में अवैध मिनी रिफाइनरी और मिलावटी डीजल के खेल का भंडाफोड़ किया है। इसके साथ ही 35 हजार लीटर मिलावटी डीजल भी बरामद किया है। शातिर रिफाइनरी डिपो के टैंकरों से डीजल चोरी कर खेत में मिनी रिफाइरी में मिलाटव करते थे। पुलिस के साथ आपूर्ति और बाट-माप विभाग की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच करते और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यहां से एनसीआर के विभिन्न शहरों में स्थित फैक्टरियों में मिलावटी डीजल बिक्री की जा रही थी।

चार साल से चल रहा था गोरखधंधा
पुलिस के अनुसार, गेझा निवासी अनिल कुमार गुप्ता ने पिछले चार साल से गेझा गांव स्थित गोदाम ब्रह्मपुरी निवासी मनीष गुप्ता को किराए पर दिया था। एएसपी अंतरिक्ष जैन ने परतापुर पुलिस के साथ मिलकर बुधवार दोपहर गोदाम पर छापा मारा था। पुलिस को देखकर गोदाम पर मौजूद लोगों में अफरातफरी मच गई। पुलिस ने मौके से 12 हजार लीटर मिलावटी डीजल और 23 हजार लीटर मिलावटी बायो डीजल समेत हाइड्रो कार्बन व केमिकल मौके से पकड़ा है। गोदाम में चार टैंकर जमीन में दबा रखे थे। इनकी क्षमता तीन लाख लीटर डीजल की है। वहीं, टैंकरों से तेल निकालने के लिए कई मोटर पंप लगाए गए थे।

12-15 लाख रुपये का नकली डीजल होता था सप्लाई
पुलिस के अनुसार ब्रहमपुरी निवासी मनीष गुप्ता मार्केट से सस्ते दामों में बायो डीजल और केमिकल खरीदता था। इस सामग्री को असली डीजल में मिलाकर 75 रुपये लीटर के हिसाब फैक्ट्रियों को बेच देता था। इससे रोजाना 12 से 15 लाख रुपये का मिलवाटी डीजल फैक्ट्रियों को बेचा जा रहा था।

टैंकर का जीपीएस लेकर पैदल चलता था ड्राइवर
एसपी सिटी ने बताया कि पूठा स्थित हिंदुस्तान पेट्रोलियम के डिपो से टैंकर डीजल लेकर पंप के लिए निकलते थे।  गोदाम पर आकर कुछ डीजल चोरी कर बेच देते थे। ऐसा करने के दौरान टैंकर में लगा जीपीएस परिचालक को दे दिया जाता था। जो पैदल चलकर अपनी लोकेशन जाम में फंसे होने की बताता था।

इस तरह चल रहा था खेल
पुलिस के अनुसार, पहले असली डीजल को जमीन में दबे टैंकर में डाला जाता था। इसके बाद बायो डीजल और अन्य केमिकल को इसमें मिला देते थे। पूरी प्रक्रिया मोटर पंप से पाइप के द्वारा की जाती थी। आस पास के कई गांवों के किसान भी कम पैसों के लालच में ट्रैक्टर और इंजनों के लिए यहीं से डीजल खरीदते थे।
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
मनीष गुप्ता व उसका भाई अवनीश गुप्ता, बेटे आशीष गुप्ता के अलावा चालक शिवांग शर्मा, मजदूर प्रकाश कुमार और ब्रजकिशोर को गिरफ्तार किया गया है।

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