Noida: विभिन्न प्रकार के पक्षियों की प्रजाति के विलुप्त होने के चलते सारस पक्षी के संरक्षण के लिए गणना के लिए प्रदेश सरकार ने पहल की है. सरकार राज्य में 20 जून से सारस की गिनती करा रही है. वैसे सरकार साल में दो बार (ग्रीष्मकालीन-शीतकालीन) गणना कराती है. वर्ष 2024 में 20 जून गुरुवार से दो दिन तक सारस गणना की गई. ये गणना दिन में दो बार सुबह-शाम की गई . इसके लिए प्रत्येक जिले के फ़ॉरेस्ट आफिसर को निर्देशित किया गया था. जिसकी रिपोर्ट प्रभागीय वनाधिकारी अपने प्रभाग में पाए गए सारस की संख्या व फोटो पहली जुलाई तक मुख्य वन संरक्षक, ईको विकास, लखनऊ को उपलब्ध कराएंगे।
खेत-खलिहानों में दिखे सारस
वन विभाग की टीम धनोरी, भट्टा परसौल, ककरला के आस पास की जलकुम्भी, खेत और खलिहान में सर्वे किया, जहां राज्य पक्षी सारस के जोड़े दिखे। गौतमबुद्ध नगर जिले में वने वन विभाग के चार रेंज से आवश्यकतानुसार टीमें गठित कर लगाई गई है। जो राज्य सरकार के निर्देशानुसार राज्य पक्षी सारस की गणना की हैं।
दो दिन तक अभियान चला कर की गई जनगणना
गौतमबुद्ध नगर के डिविजनल फ़ॉरेस्ट आफिसर प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि इस समय राज्य पक्षी की गणना के करने के लिए राज्य सरकार के मुख्य वन संरक्षक द्वारा निर्देशित किया गया हैं। जिसके लिए चारों रेंजो से ग्रीष्मकालीन में सारस की गणना की 20 और 21 जून को की गई है. एक जुलाई से पूर्व चारों रेंजों से सारस के गणना की रिपोर्ट संग्रह कर सारस की संख्या व फोटो पहली जुलाई तक मुख्य वन संरक्षक, ईको विकास, लखनऊ को उपलब्ध कराएंगे।
हर साल बढ़ रही सारसों की संख्या
प्रमोद कुमार ने कहा कि यूपी में साल दर साल सारस की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश में 2021 में 17329 सारस पाए गए थे. 2022 में यह संख्या बढ़कर 19188 हो गई थी. 2023 में यह संख्या बढ़कर 19522 हो गई थी. गौतमबुद्ध नगर जिले के धनोरी वर्ड लेंड के आस पास वाले जल कुम्भी, खेत खलियान खासकर धान की खेती में सारस देखे जा सकते हैं। वही पिछले वर्ष में हुई गणना से अधिक राज्य पक्षी सारस की जनसंख्या देखने को मिली हैं। पक्षी विहार, सूरजपुर व ओखला बैराज के पक्षी विहार में कभी कभी विचरण करते हुए यह देखे गए हैं। लेकिन धनोरी पक्षी विहार और ठाकराला में अधिक संख्या में उनको देखा गया हैं।