फिल्म दंगल में आमिर खान का डायलॉग “म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?” तो आप सबने सुना ही होगा। ऐसा लगता है कि इस डायलॉग को भारतीय महिला क्रिकेट टीम असल जिंदगी में चिरितार्थ कर रही है। जी हां हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भारतीय महिला क्रिकेट टीम जिस तरह से अपने विरोधियों को धूल चटाते हुए नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है वो काबिले तारीफ है। दरअसल भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। भारत ने टेस्ट मैच में एक दिन में सर्वाधिक रन बनाने का विश्व कीर्तिमान बनाया है। चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में जारी पहले टेस्ट मैच के पहले दिन भारत ने 4 विकेट पर 525 रन बनाए। जिसमें शेफाली वर्मा ने दोहरा शतक जड़ा जबकि स्मृति मंधाना 149 रन बनाकर पवेलियन लौटीं। दोनों बैटर्स ने पहले विकेट के लिए 292 रन की रिकार्ड साझेदारी की। यह वूमेन्स टेस्ट मैच में पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी रही है।
टेस्ट मैच के पहले दिन भारत ने 4 विकेट पर 525 रन बनाए
पहले टेस्ट मैच के पहले दिन भारत ने 4 विकेट पर 525 रन बनाए। महिला टेस्ट क्रिकेट में यह एक दिन का सर्वाधिक स्कोर है। इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम था। जिसने 1935 में क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ 2 विकेट पर 431 रन बनाए थे। 20 वर्षीय शेफाली वर्मा ने सिर्फ 194 गेंदों पर अपना दोहरा शतक पूरा कर सदरलैंड को पीछे छोड़ा। ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ी ने इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 248 गेंदों पर दोहरा शतक बनाया था। अपना 5वां टेस्ट खेल रही शेफाली ने अपनी आक्रामक पारी में 23 चौके और आठ छक्के जड़े। इससे पहले टेस्ट में उनका सर्वोच्च स्कोर 96 रन था।
वूमेन्स टेस्ट मैच में पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी
शेफाली और मंधाना ने इस तरह 2004 में कराची में वेस्टइंडीज के खिलाफ पाकिस्तान की साजिदा शाह और किरण बलूच की 241 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ दिया। देखा जाए तो यह महिला टेस्ट मैच में किसी विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी रही। बता दें कि साल 1987 में वेदरबी में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे विकेट के लिए एलए रीलर और डीए एनेट्स की ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी के बीच 309 रनों की साझेदारी हुई थी। शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने इस तरह 2021 में ब्रिस्टल में इंग्लैंड के खिलाफ 167 रनों की अपनी पिछली सर्वश्रेष्ठ साझेदारी में सुधार किया। दोनों ने इसके साथ ही किसी भी विकेट के लिए पिछली सबसे बड़ी भारतीय साझेदारी को भी पीछे छोड़ दिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड पूनम राउत और थिरुष कामिनी के नाम था, जिन्होंने मैसूर में 2014 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 275 की साझेदारी की थी। इस साझेदारी को डेलमी टकर ने मंधाना को 149 रन पर आउट कर तोड़ा था।
टेस्ट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली दूसरी महिला बनीं शेफाली
इस बेहतरीन साझेदारी के दौरान मंधाना तो आउट हो गईं, लेकिन शेफाली ने यादगार दोहरा शतक लगाया। शेफाली ने महज 194 गेंदों पर दोहरा शतक पूरा किया। यह वूमेन्स टेस्ट मैच में किसी बल्लेबाज का सबसे तेज दोहरा शतक रहा। इसके साथ ही शेफाली ने ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड को पछाड़ दिया, जिन्होंने 256 गेंदों पर दोहरा शतक लगाया था। देखा जाए तो शेफाली वर्मा भारत की ऐसी दूसरी बल्लेबाज हैं, जिन्होंने वूमेन्स टेस्ट मैच में दोहरा शतक लगाया है। शेफाली वर्मा से पहले मिताली राज ही ऐसा कर पाई थीं। मिताली ने साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ टॉन्टन टेस्ट मैच में 214 रनों की पारी खेली थी। शेफाली वर्मा ने 197 गेंदों पर 205 रन बनाए, जिसमें 23 चौके और आठ छक्के शामिल रहे। वहीं मंधाना ने 161 गेंदों की पारी में 27 चौके के अलावा एक सिक्स लगाया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने पहले दिन स्टम्प के साथ अपनी पहली पारी में चार विकेट पर 525 रन बनाए। स्टम्प के समय ऋचा घोष 43 और कप्तान हरमनप्रीत कौर 42 रन बनाकर डटी थीं।