उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार कोउप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक-2024 ध्वनिमत के साथ पास हो गया। इसके साथ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक- 2024 भी पास हो गया। इन दोनों महत्वपूर्ण विधेयकों को सोमवार को सदन में पेश किया गया था। मंगलवार को सदन में चर्चा के बाद दोनों विधेयक पारित कर दिया गया।

3 से 7 साल तक होगी सजा
गौरतलब है कि यूपी सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया था। लेकिन इस बार विधेयक में संशोधन कर सजा व जुर्माने की दृष्टि से मजबूत किया गया है। इसमें पहले से परिभाषित अपराधों में सजा जहां दोगुनी तक बढ़ा गई है, वहीं नए अपराध भी शामिल किए गए हैं। नए प्रावधानों के तहत धोखे, कपट, बहला-फुसला कर धर्म परिवर्तन कराने व शादी करने पर अब 3 से 10 साल की जेल और 25 हजार रुपये जुर्माना होगा। जबकि पहले एक से पांच साल जेल व 15 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान था। नए विधेयक में नाबालिग, महिला (एससी-एसटी) संग अपराध पर अब पांच से 14 साल की जेल व एक लाख रुपये जुर्माना और सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर सात से 14 वर्ष की जेल तथा एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

पेपर लीक करने वालों की संपत्ति भी हो सकती हैं जब्त, एक करोड़ तक जुर्माना
पेपर लीक कानून में न्यूनतम दो वर्ष से आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है। न्यूनतम दो लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना भी होगा। नए कानून के तहत साल्वर गिरोह के अपराध की पुनरावृत्ति करने पर आजीवन कारावास से न्यूनतम 50 लाख रुपये जुर्माने तक का प्रावधान है। परीक्षा संचालित कराने वाले एजेंसी व उसके संचालकों की जिम्मेदारी तय किए जाने के साथ ही गड़बड़ी पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई के कड़े प्रावधान किए गए हैं। नए कानून के तहत दोषियों की संपत्तियां भी जब्त की जा सकेंगी।

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