ग्रेटर नोएडा की एक रिहायशी सोसाइटी के लोग लगातार समस्याओं से जूझ रहे हैं। वहीं इन लोगों की समस्याओं पर ना तो प्राधिकरण ध्यान दे रहा है और ना ही बिल्डर. इस सोसाइटी में 1794 घर बने हुए हैं यहां के निवासियों को बिल्डिंग की ओसी अक्टूबर 2022 में दे दी गई थी मगर आज तक इस सोसाइटी के लोगों को आम सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई जा रही है. बिल्डर पर प्राधिकरण की ओर से मिलने वाले नोटिसों का कोई असर होता नहीं दिख रहा है. साथ ही लोगों की समस्याओं पर अब प्राधिकरण ने भी आंखें मूंद ली हैं और बिल्डर अपनी मनमानी पर उतर आए हैं. सोसाइटी के निवासियों ने NOWNOIDA ने की खास बात जिसके कुछ अंश आपके सामने पेश हैं-

सोसाइटी के अंदर मजदूरों की बनी हैं झुग्गियां
केंद्रीय विहार ग्रेटर नोएडा सोसाइटी में रहने वाले अतुल अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक साल से हमें पजेशन मिला है लेकिन जब से हम इस सोसाइटी में रहने आए हैं. तब से अलग-अलग प्रकार की समस्याओं से हम जूझ रहे हैं. पानी की समस्या, सिक्योरिटी की समस्या, गेट पर सिक्योरिटी की समस्या, फायर फाइटिंग का सिस्टम खराब है. इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कई समस्याओं से हम जूझ रहे हैं. एक सबसे बड़ा मुद्दा जो है वो ये है कि यहां के जो लेबर हैं उनकी झोपड़ियों को हमारी बाउंड्री के बाहर पहले इन लोगों ने बसाया हुआ था जहां की बाउंड्री वॉल को तोड़कर ये सभी लेबर अंदर आते थे और उसी दौरान सोसाइटी में चोरी की काफी घटनाएं भी हुई हैं. हम ये नहीं कह रहे कि चोरियां मजदूरों ने की हैं लेकिन सुरक्षा को लेकर एक डर तो बना हुआ है. अब काफी शिकायती पत्र लिखने के बाद अब इन लोगों ने मजदूरों को अंदर शिफ्ट कर दिया है. मुझे समझ नहीं आता कि कौन सी ऐसी सोसाइटी है ग्रेटर नोएडा में जहां पर अगर कंस्ट्रक्शन चल रही है तो वहां मजदूरों को सोसाइटी के अंदर बसाया जाता है। ये तो कॉन्ट्रैक्टर और उनके सब-कॉन्ट्रैक्टर हैं ये उनकी दिक्कत है कि वो लेबरों के रहने की व्यवस्था कहां करते हैं. सोसाइटी के अंदर कभी कोई ठिकाना नहीं देख गया है. बिल्डर की ओर से अभी तक कोई आश्वासन मिलता हुआ दिख नहीं रहा है. कुछ पीजी पोर्टलों पर मैंने प्रश्न डाले थे तो वहां से ये जवाब आया कि जब लोगों ने रहना शुरू किया तब क्यों नहीं इसकी शिकायत की गई. मैं अथॉरिटी से ये जानना चाहता हूं कि अगर हमने उस समय प्रोटेस्ट नहीं किया तो क्या ये सही है कि मजदूरों को सोसाइटी के अंदर पर्मानेंटली लाकर बसा दिया जाए.

फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह से फेल
केंद्रीय विहार ग्रेटर नोएडा सोसाइटी में रहने वाले कर्नल वीके भारद्वाज ने बताया कि हमें एक बड़ी समस्या आ रही है फायर फाइटिंग सिस्टम के बारे में. सोसाइटी का फायर फाइटिंग सिस्टम ऑपरेशनल नहीं है और इसकी वजह से हमारे जान-माल को हमेशा खतरा बना रहता है कि कभी कोई आगजनी का हादसा हो जाए तो उस समय हम कैसे बचकर निकलेंगे. इसके अलावा जगह-जगह गड्ढे खुदे हुए हैं. पानी का जो यहां पर सिस्टम है वो खराब है पूरी पाइपलाइन लीक हो रही है. 36-37 जगहों से अभी तक हमने लीकेज चेक कर लिए हैं. लीकेज ठीक करने के लिए ये लोग सड़क को तोड़ देते हैं और उसके बाद पाइप को रिपेयर करते हैं फिर सड़क को भरते हैं. उसमें दोगुना नुकसान हो रहा है. पहले सड़क का नुकसान हो रहा है. फिर पाइप का नुकसान हो रहा है और इसके ऊपर फायर फाइटिंग की जो गौतमबुद्धनगर ग्रेटर नोएडा की अथॉरिटी है उन्होंने ने भी बिल्डर को नोटिस दिए हैं. दो या तीन नोटिस अथॉरिटी की ओर से दिए गए हैं. उसके बाद भी बिल्डर ने कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे हमारा भरोसा बना रहे. हमारी सोसाइटी में 1794 घर बने हुए हैं. अक्टूबर 2022 में हमें इसकी ओसी मिल गई थी. हम नवंबर 2022 से यहां रह रहे हैं और अब दो साल हो जाएंगे. फायर फाइटिंग सिस्टम के हाल खराब हैं. इस पर बहुत ज्यादा काम की जरूरत है. इसकी शिकायत हमने बिल्डर से भी की है और प्राधिकरण से भी की है. बिल्डर ने शिकायतों पर ये किया कि कई जगह खुदाई कर दी, कई जगह सड़क ब्लॉक कर दी पर ठीक से रिपेयर करने का कोई काम नहीं किया. जहां तक प्राधिकरण की बात है उन्होंने फायर इंस्पेक्टर यहां पर भेजे हैं. उन्होंने यहां पर जांच-पड़ताल की और उन्होंने भी ये पाया है कि फायर फाइटिंग सिस्टम जिस तरह से बनाया गया है वो कामयाब नहीं है. ये चीजें बिल्डर ओसी देने से पहले कर देते हैं. इन्होंने या तो इसको टेस्ट नहीं किया या पता नहीं किस कारण से बिल्डर ने हम लोगों से छिपाया है लेकिन बिल्डर ने हमें काफी परेशानी में ड़ाला हुआ है. 36-37 जगहों पर टूट-फूट हो चुकी है उनपर निशान भी बनाए गए हैं और जैसे-जैसे ये टेस्टिंग करते हैं इन्हें और आगे लीकेज मिलती हैं. हमने जो बिल्डर से शिकायतें की थी तो उस पर बिल्डर ने समाधान नहीं किया. बल्कि उल्टा हमें ही कहना शुरू कर दिया कि आप हमारे ऊपर झूठे-बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. फिर जब हमने बिल्डर को फोटो भेजे और दिखाया कि क्या हाल है. तब उन्होंने थोड़ा-थोड़ा ठीक करने का दिखावा किया.

सोसाइटी के बाहर आए दिन वेंडर लगा देते हैं जाम
केंद्रीय विहार ग्रेटर नोएडा सोसाइटी में रहने वाले अतुल अग्रवाल ने आगे बताया कि एक दूसरी समस्या और है जिससे केंद्रीय विहार के निवासी जूझ रहे हैं. दरअसल यहां पर तीन गेट हैं लेकिन फिलहाल एक ही गेट इस्तेमाल हो रहा है. वो है गेट नंबर 1 जो हमारा एक ही आने-जाने का रास्ता है. शाम को गेट पर काफी ज्यादा भीड़ जमा हो जाती है. वहां पर शाम के समय सारे वेंडर सब्जी वाले, फल वाले जूस के ठेले वाले खड़े हो जाते हैं. जिसकी वजह से ट्रैफिक का अंदर आना और बाहर जाना मुश्किल हो जाता है. हमने ग्रेटर नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी को भी मैसेज डाले हैं लेकिन उस पर भी कोई पॉजिटिव कार्रवाई नहीं हुई है.

शिकायतों पर बिल्डर नहीं कर रहा उचित कार्रवाई
सोसाइटी में रहने वाले एक और शख्स ने बताया कि इस सोसाइटी में बेसिक सुविधाओं का अभाव है. फायर फाइटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर इनका पूरा खराब पड़ा हुआ है. इन्हें फायर डिपार्टमेंट से मल्टीपल नोटिस मिले हैं. यहां पर झुग्गियां इन लोगों ने अवैध रूप से बसा रखी हैं. जीएनआईडी को लिखा जा चुका है. बिल्डर को लिखा जा चुका है लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई हो नहीं रही है. जिस सोसाइटी का ओसी अक्टूबर 2022 में मिल गया था उस सोसाइटी का स्विमिंग पूल आज भी खाली पड़ा है. उसके अलावा कई सारे बेसिक मुद्दे हैं जैसे मंदिर बनाना था मगर बिल्डर ने मंदिर नहीं बनाया है. इसके अलावा कई सारी सुविधाएं हैं जिनको इन्होंने कंपलीट दिखाया है लेकिन कंपलीट नहीं की हैं. बिल्डिंग की रैंप, बेसमेंट जहां पार्किंग है वहां की रैंप भी अब तक नहीं बनी है. पहली बात तो ये कि हमारा बिल्डर मानने को तैयार ही नहीं होता है कि यहां कोई कमी है और जहां वो मान भी लेता है. तो आश्वासन दे देता है. 1 तारीख को हमने झुग्गी के मुद्दे को लेकर प्रोटेस्ट किया था तब बिल्डर ने पुलिस की मौजूदगी में हमें ये आश्वासन दिया था कि वो 20 दिन में यहां से झुग्गियां हटवा देंगे. आज तक उन्होंने कुछ किया नहीं कल हमने फिर से प्रोटेस्ट किया था. तो जब बिल्डर को जानकारी मिली तो वो यहां आए ही नहीं. कई बार शिकायत की है बिल्डर से भी शिकायत की है. ये सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाई वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन है इनका फॉर्मल पोर्टल है उस पर भी शिकायतें की गई हैं. जिसको इन्होंने क्लोज कर दिया है बिना किसी एक्शन के. जीएनआईडीए में भी फायर फाइटिंग और झुग्गियों को लेकर कंपलेंट कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी मुद्दे पर भी एक्शन नहीं लिया गया है.

पूजा-पाठ के लिए मंदिर बनाने से बिल्डर का इंकार
केंद्रीय विहार ग्रेटर नोएडा सोसाइटी में रहने वाली डॉक्टर रेखा श्रीवास्तव ने बताया कि यहां महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है कि यहां पर मंदिर नहीं दिया गया है. अभी तो हम जो पूजा-पाठ कर रहे हैं वो यहां सामने एक मेडिटेशन सेंटर है वहां कर रहे हैं. वहां ये समस्या आ रही है कि शाम को 5 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक महिलाएं आ जाती हैं मेडिटेशन करने के लिए. पहले सर्दियों में तो हम लोग दिन में वहां चले जाते हैं लेकिन अब गर्मी में दिन में निकलना मुश्किल होता है. हमारी इनसे से रिक्वेस्ट है कि हम लोगों को मंदिर की जगह दी जाए. पहले तो इन्होंने कहा था कि मंदिर की जगह देंगे लेकिन हम लोगों को मंदिर नहीं दिया गया है. जब हमने बिल्डर से शिकायत करी मंदिर को लेकर तो उन्होंने कहा कि यहां मंदिर की कोई जगह नहीं है मंदिर बना कर नहीं दिए जाते हैं. ये आप लोग अपना बनवाइयेगा जब ये लोग आप लोगों को हैंडओवर करेंगे. मगर मंदिर की जगह यहां के नक्शे में दी हुई है.

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