Greater Noida: आज किसान अपनी मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने महापंचायत कर रहे हैं। पिछले 124 दिन के धरने के बाद क्षेत्र के प्रभावित 55 गांवों के किसान भी इस महापंचायत में शामिल हुए हैं। किसान नेता का कहना है कि जो भी हमारी मांग है उसके प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। लेकिन सरकार ने अभी तक किसानों की मांग पर फाइनल निर्णय नहीं लिया है। अब अपनी मांग नहीं पूरी होते देख नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं।

मांगों को क्यों नहीं मान रही सरकार: किसान नेता जगवीर

किसान नेता जगवीर ने बताया कि उनकी दो मांगों को प्राधिकरण की तरफ से मान कर इसकी संस्तुति के लिए प्रदेश सरकार को भेजा है। लेकिन अभी तक उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसानों में नाराजगी है। किसानों की पहली मांग है कि सभी प्रभावित किसानों को 10 फीसदी विकसित भूखंड दिया जाए और दूसरी मांग नए भूमि अधिग्रहण का लाभ सभी किसानों को देने की है। इसमें वो भी किसान हैं जिन्होंने अपनी जमीन सीधे रजिस्ट्री के माध्यम दी है। किसान नेताओं की मांग है कि उन्हें भी परियोजना प्रभावित किसान माना जाए। इसी मांगों को जल्द से जल्द मनवाने के लिए किसान लगातार धरनारत हैं।

कल करेंगे दिल्ली कूचः रूपेश वर्मा

किसान नेता रूपेश वर्मा ने बताया कि 8 फरवरी को गौतमबुद्ध नगर के किसान संसद भवन का घेराव करने के लिए जाएंगे। किसानों की मांग है कि पिछले तीस साल से उनके प्लाट नहीं दिये गये हैं। किसानों की जमीन का 10 फीसदी हिस्सा प्राधिकरण को विकसित करके देना है। रूपेश वर्मा ने कहा कि किसान प्लाट को विकसित करने के लिए विकास शुल्क भी दे रहे हैं तो उनकी जमीन को विकसित करके क्यों नहीं दिया जा रहा है। रूपेश वर्मा ने सीधे-सीधे प्राधिकरण पर बेइमानी करने का आरोप लगाया है।

कल किसान करेंगे ट्रैक्टर रैली

किसान नेता रूपेश वर्मा ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर के किसानों के साथ लगातार बेइमानी की जा रही है। जो दो प्रस्ताव सरकार के पास भेजे गये हैं। उन पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब किसान नेताओं का कहना है कि लखनऊ तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए किसान दिल्ली भी जाने को तैयार हैं।

शहरीकरण के लिए दी जाती है 20 फीसदी जमीन- किसान नेता

किसान नेता रूपेश वर्मा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि लगातार किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। नया कानून एक जनवरी साल 2024 से लागू है। जबकि शहरीकरण के लिए जहां भी जमीन ली जाती है, वहां 20 फीसदी जमीन किसान को विकसित करके वापस की जाती है और दूसरी सबसे बड़ी मांग है रोजगार। उन्होंने कहा कि हर बालिग सदस्य को रोजगार देना होता है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुना रोजगार देना पड़ता है। इन सभी लाभों से गौतमबुद्ध नगर के किसानों को वंचित रखा गया है।

भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने बड़ी संख्या में महिला और पुरूष किसान धरने के लिए पहुंचे हैं। किसान आज अपनी मांगों को लेकर महापंचायत कर रहे हैं। इस महापंचायत में आगे की रणनीति पर फैसला लेंगे। जिसमें दिल्ली में संसद भवन घेरने की तैयारी भी शामिल है। किसानों की संख्या को देखते हुए प्राधिकरण के सामने बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

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