Greater Noida: जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा से सीधी कनेक्टिविटी देने वाली नमो भारत रेल परियोजना को बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को कई आपत्तियों के साथ वापस भेज दिया है। 72.4 किलोमीटर लंबे प्रस्तावित रूट और 22 स्टेशनों के डिजाइन पर फिर से विचार करने की सिफारिश की गई है।
डीपीआर में क्या आपत्तियां उठाई गईं?
केंद्र सरकार ने इस परियोजना की लागत और उपयोगिता पर सवाल उठाए हैं। 20,763 करोड़ रुपये की इस योजना में पूरे ट्रैक को एलिवेटेड बनाने का प्रस्ताव किया गया था। केंद्र ने सुझाव दिया है कि कम आबादी वाले क्षेत्रों में ट्रैक निर्माण की लागत कम करने के विकल्प तलाशे जाएं। इसके अलावा, नमो भारत के ट्रैक पर दूसरी धीमी गति वाली ट्रेनों या मेट्रो सेवाओं को शामिल करने की योजना पर भी आपत्ति जताई गई है। केंद्र का कहना है कि ट्रैक का डिजाइन इस तरह होना चाहिए कि अधिकतम संख्या में यात्रियों को लाभ मिले और यह अन्य परिवहन सेवाओं से प्रभावी रूप से जुड़ा हो।
राज्य सरकार ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को सौंपी जिम्मेदारी
इन आपत्तियों को हल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को जिम्मेदारी सौंपी है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड इस परियोजना के सभी हिस्सेदारों से विचार-विमर्श करेगा और रूट व स्टेशन डिजाइन पर सुझाव मांगेगा।
मोनो रेल का नया प्रस्ताव
नोएडा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक सार्वजनिक परिवहन के लिए मोनो रेल की योजना तैयार की जा रही है। यमुना प्राधिकरण ने सीमेंस कंपनी को इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। मोनो रेल 14.6 किलोमीटर लंबे रूट पर एयरपोर्ट से फिल्म सिटी के बीच सेक्टर्स को कनेक्ट करेगी। नोएडा-गाजियाबाद और एयरपोर्ट को जोड़ने वाली इस परियोजना को पुनः विचार और संशोधन के बाद मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट के सफल होने से न केवल यातायात सुविधा बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
नमो भारत की विशेषताएं और योजनाएं
- रफ्तार: नमो भारत ट्रेन 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।
- यात्री संख्या का अनुमान: वर्ष 2031 तक इस रूट पर 3.09 लाख यात्रियों के सफर करने का अनुमान है, जो आने वाले वर्षों में बढ़कर 7 लाख तक पहुंच सकता है।
- वित्तीय मॉडल: परियोजना में केंद्र और राज्य सरकार का 20-20% अंशदान होगा, जबकि 60% हिस्सा एनसीआरटीसी उठाएगा।