Greater Noida: ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण में डेप्युटेशन पर कार्ररत अधिकारियों और कर्मचारियों की तीन साल की निर्धारित समय सीमा खत्म होने के बाद भी मूल विभागों में वापस नहीं भेजा गया है। अब इसको लेकर प्राधिकरण के गलियारों में तमाम चर्चाएं होने लगी हैं।

तीन साल की प्रतिनियुक्ति खत्म
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रबंधक चरण सिंह, प्रबंधक विजय कुमार, प्रबंधक राजेश निम, सहायक प्रबंधक हरिंदर सिंह, सहायक प्रबंधक राम किशन, सहायक प्रबंधक (इलेक्ट्रिकल) मनोज कुमार, सहायक प्रबंधक राजीव कुमार प्रतिनियुक्ति पर आए थे। इनका तीन साल का समय सितम्बर 2024 में समाप्त हो गया है। प्रतिनियुक्ति पर आए प्रबंधक और सहायक प्रबंधक अब  प्राधिकरण में वरिष्ठ प्रबंधक बन गए हैं। चर्चा है कि भ्रष्टाचार का खेल प्राधिकरण में खुल कर हो रहा है।

प्रमोशन भी मिल गया
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में प्रबंधक और वरिष्ठ प्रबंधकों की कोई कमी नहीं है। प्राधिकरण में अपने प्रबंधक और वरिष्ठ प्रबंधक है। नियमानुसार दूसरे विभागों से आए हुए अधिकारियों को उनके मूल विभाग भेज देना चाहिए। क्योंकि यह लोग सिर्फ 3 साल के लिए प्राधिकरण में आते हैं। बाहर के प्रबंधकों प्राधिकरण में चार्ज देने से प्राधिकरण के अपने प्रबंधकों में रोष है।

इन अधिकारियों को प्रोजेक्ट में अनियमिताएं आईं सामने
इन अधिकारियों द्वारा चलाए जा रहे प्रोजेक्ट्स में भी भ्रष्टाचार के संकेत हैं। कई परियोजनाओं में गुणवत्ता, ठेकों में अनियमितताएं और तय समयसीमा में काम पूरा न होने के मामले भी आ चुके हैं। सबसे चिंताजनक यह है कि कोई भी स्पष्ट स्पष्टीकरण या आधिकारिक बयान प्राधिकरण द्वारा नहीं दिया गया है। अधिकारियों को वापस न भेजने के पीछे की वजहों को छुपाया जा रहा है।  अगर कोई भ्रष्टाचार न होता  तो प्राधिकरण अपनी नीतियों को पारदर्शी तरीके से प्रस्तुत करता। लेकिन इस मामले में कोई खुलासा नहीं हो रहा है।

बता दें कि जब अधिकारी लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहते हैं और उनके कार्यकाल की अवधि समाप्त होने के बावजूद उन्हें वापस नहीं भेजा जाता  तो भ्रष्टाचार की संभावना प्रबल होती है। पारदर्शिता की कमी, नीतिगत अव्यवस्था और बाहरी हस्तक्षेप से यह स्पष्ट होता है कि प्राधिकरण में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें हैं। यह न केवल प्राधिकरण की छवि को प्रभावित करेगा, बल्कि भविष्य में गंभीर जांच और प्रशासनिक बदलाव की आवश्यकता भी उत्पन्न कर सकता है।

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