अगर आप भी बुखार होने पर डॉक्टर के पास ना जाकर पैरासिटामोल की गोली ले लेते हैं. तो अभी सावधान हो जाइए. दरअसल केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने पैरासिटामोल समेत 50 से अधिक दवाओं को मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं माना है. ये दवाएं भारत के औषधि नियामक द्वारा किए गए गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गई हैं. इनमें कैल्शियम, विटामिन D3 की गोलियां, मधुमेह की गोलियां और उच्च रक्तचाप की दवाओं समेत 50 अन्य दवाएं भी शामिल हैं.

नामी कंपनियों की दवाएं परीक्षण में हुईं फेल
वहीं परीक्षण के दौरान जो दवाएं फेल हुई हैं. उनका उत्पादन बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा किया जाता है. इनमें हेटेरो ड्रग्स, एल्केम लैबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं. पेट के संक्रमण में इस्तेमाल होने वाली HAL की दवा मेट्रोनिडाजोल परीक्षण में विफल रही. वहीं एल्केम हेल्थ साइंस की एंटीबायोटिक दवा क्लेवम 625 और पैन डी भी मानकों पर खरी नहीं उतर सकी. इसके अलावा बच्चों को दी जाने वाली सेपोडेम एक्सपी 50 ड्राई सस्पेंशन की गुणवत्ता मानकों में घटिया पाई गई है. कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की पैरासिटामोल गोली की गुणवत्ता पर भी रिपोर्ट में चिंता जाहिर की गई है. उत्तराखंड स्थित प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर द्वारा निर्मित शेल्कल भी परीक्षण में पास नहीं हुई. उच्च रक्तचाप के लिए इस्तेमाल होने वाली टेल्मिसर्टन जैसी लोकप्रिय दवा भी परीक्षण में फेल हो गई. विटामिन B कॉम्प्लेक्स और विटामिन C सॉफ्टजेल, पैरासिटामोल की गोलियां IP 500 MG, मधुमेह रोधी दवा ग्लिमेपिराइड भी मानकों के अनुरूप नहीं पाई गईं हैं.

CDSCO ने दवाओं की 2 सूचियां कीं जारी
CDSCO ने गुणवत्ता परीक्षण में विफल होने वाली दवाओं की 2 सूचियां जारी कर दी हैं. पहली सूची में 48 दवाओं के नाम हैं, जबकि दूसरी सूची में उन्हें बनाने वाली कंपनियों के जवाब हैं. ज्यादातर कंपनियों ने अपने जवाब में कहा कि जो दवाएं परीक्षण में विफल हो गई. वे नकली हैं और उनका निर्माण मूल कंपनियों द्वारा नहीं किया गया है. हालांकि कंपनियों ने दवाओं की जांच करने की बात कही है.

156 दवाओं पर अगस्त में लगाया गया था प्रतिबंध
आपको बता दें कि अगस्त महीने में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक से ज्यादा संयोजन वाली 156 फिक्स डोज दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था. FDC वे दवाएं होती हैं, जिन्हें 2 या 2 से अधिक दवाओं के केमिकल को निश्चित अनुपात में मिलाकर बनाया जाता है. इस सूची में एसेक्लोफेनाक 50 MG और पैरासिटामोल 125 MG टैबलेट, पैरासिटामोल और ट्रामाडोल, टारिन और कैफीन के संयोजन और एसिक्लोफेनाक 50 MG और पैरासिटामॉल 125 MG टैबलेट समेत कई दवाओं पर प्रतिबंध लगा था.

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