एक ओर जहां सरकार संभल के बवालियों पर एक्शन का ‘ब्लू प्रिंट’ तैयार कर कार्रवाई में जुटी है तो वहीं दूसरी ओर अखिलेश से लेकर राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने इस मामले में योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. जिसने सियासी तपीश को बढ़ाया हुआ है
अब आई बवालियों की शामत
संभल बवालियों की शामत आई, फिर क्यों सियासत गरमाई, ये सवाल इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों में गूंज रहा क्योंकि एक ओर जहां सरकार संभल के बवालियों पर एक्शन का ‘ब्लू प्रिंट’ तैयार कर कार्रवाई में जुटी है तो वहीं दूसरी ओर अखिलेश से लेकर राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने इस मामले में योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. जिसने सियासी तपीश को बढ़ा दिया है, भले ही संभल में हिंसा की आग थम गई हो लेकिन संसद में भी अब इस मामले में आंच पहुंच गई है, जिसकी झलक संसद के शीतकालीन सत्र में साफ देखने को मिली, जिसके चलते कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया.
संभल बवाल पर उठे गंभीर सवाल
एक ओर जहां सियासत में उबाल है तो वहीं अभी तक कई ऐसे सवाल गूंज रहे हैं जिसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है कि
आखिर किसके इशारा पर जला संभल ?
आखिर क्यों हुआ जामा मस्जिद पर दंगल ?
संभल बवाल महज संयोग था या प्रयोग ?
आखिर इसके पीछे किसकी साजिश थी?
कहां से आए नौजवानों के हाथ में पत्थर ?
किसके उकसाने पर भीड़ हुई उग्र ?
आखिर हुड़दंगियों की क्या मंशा थी ?
कहां से एक साथ सैकड़ों प्रदर्शनकारी आए ?
क्या बवाल की तैयारी से पहले से की गई थी ?
ऐसे सवाल बहुत सारे हैं गूंज रहे हैं जिनका जवाब आना बाकी है, लेकिन इस बीच जो तस्वीर सामने आई है उससे ये बात साफ होती है कि संभल हिंसा के पीछे कोई सोची-समझी साजिश थी, वरना मस्जिद के सर्वे के वक्त एक साथ सैकड़ों की संख्या में पत्थर और उपद्रवी इकट्ठा न हो पाते. बता दें संभला में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी. जिसके बाद बवालियों ने खूब पत्थर चलाए थे, इस बीच गोलीबारी भी हुई थी, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी.
8 FIR में 800 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
आपको बता दें संभल मामले में पुलिस लगातार ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है, इस बीच आरोपियों की पहचान करने के लिए कुछ बलवाइयों के पोस्टर भी सामने आए है. पुलिस ने हिंसा करने वालों, पुलिस पर गोली चलाने वालों और पथराव करने वालों की फोटो आइडेंटिफाई की है. पहचान के बाद से लगातार आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस दबिश दे रही है. अब तक पुलिस ने 100 आरोपियों की पहचान की है उनमें से ये तस्वीरें शामिल है. संभल में पुलिस प्रशासन ने 30 नवंबर तक बाहरी लोगों पर बैन लगा दिया है. वहीं संभल के एसपी कृष्ण विश्नोई का कहना है कि कुछ दंगाइयों ने सीसीटीवी की डीवीआर तोड़ कर फेंक दी थी. इस मामले में अब तक दर्ज 8 FIR में 800 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
पुलिस के हथियार को लूटने की हिमाकत
संभल मामले में रोजाना चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, इस बीच FIR में एक बड़ा खुलासा हुआ है, इसमें आरोप लगाया गया है कि दंगाइयों ने पुलिस के हथियार को लुटा था. पत्थरबाज बार-बार चिल्ला रहे थे कि पुलिस के हथियर को छीन लो, अधिकारी की पिस्टल छिनने की पूरी कोशिश की गई, फिलहाल पुलिस अब बवालियों की हेकड़ी को निकालने के लिए आरोपियों की पहचान और खोज शुरू कर दी गई है. माना जा रहा है जल्द ही इन उपद्रवियों के ऊपर इनाम भी घोषित हो सकता है