नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग को लेकर दायर की गई आरटीआई में बड़ा खुलासा हुआ है. जिससे साफ तौर पर ये पता चलता है कि प्राधिकरण के विभाग की लापरवाही के कारण ही आज लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो रहे हैं.

प्रदूषण से निपटने को मंगाई गई मशीनों में लगी जंग
दरअसल RTI के ज़रिए प्राधिकरण के जन स्वास्थ विभाग पर बड़ा खुलासा हुआ है. जिसमें बताया गया है कि 3 सालों में पॉल्यूशन की रोकथाम के लिए विभाग ने केंद्र से 30 करोड़ लिए हैं. मगर इन 30 करोड़ रुपयों में से महज 3 करोड़ 89 लाख रुपए ही खर्च किए गए हैं. इन 3 करोड़ 89 लाख रुपए से मशीनें ख़रीदीं गईं हैं जिनमें धरे-धरे ज़ंग लग गई हैं और अब ये मशीनें किसी काम की नहीं रह गई हैं. इतना ही नहीं प्राधिकरण की 23 लाख की एंटी स्मोक गन सड़कों के किनारे धूल फांक रही है. वहीं 2 करोड़ की 4 मैकेनिक स्वीपिंग मशीनें भी खड़े-खड़े खराह हो गई हैं.

केंद्र के दिए पैसे पर कुंडली मारकर बैठा जन स्वास्थ विभाग
केंद्र सरकार द्वारा जो 30 करोड़ रुपये प्रदूषण से निपटने के लिए दिए गए थे. उस रकम का सही जगह इस्तेमाल किस तरह किया जाए प्राधिकरण के अधिकारियों को इस बात का पता ही नहीं है. जिसकी वजह से प्राधिकरण के जन स्वास्थ विभाग के कारण लोग ज़हरीली हवा में सांस लेकर बीमार हो रहे हैं. यही नहीं जन स्वास्थ्य विभाग केंद्र द्वारा मिले रुपयों पर कुंडली मारकर बैठ गया है. आपको बता दे कि जिस जन स्वास्थ्य विभाग की बात यहां पर हो रही है. उसके कर्ता-धर्ता बहुचर्चित SP सिंह है.

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