Greater Noida: बुधवार को कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल गौतमबुद्ध नगर के लुक्सर जेल में बंद किसानों से मिलने पहुंचा। कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल में सांसद इमरान मसूद, तनुज पुनिया और उज्जवल रमण सिंह मौजूद थे। हालांकि कांग्रेस के सांसदों को लुक्सर जेल नहीं जाने दिया गया था। कलेक्ट्रेट में डीएम से मुलाकात के बाद तीनों सांसदों को वापस भेज दिया गया। अब आंदोलन के दौरान जेल भेजे गए किसानों से मिलने सपा का प्रतिनिधि मंडल पहुंचेगा। 12 दिसंबर यानि शुक्रवार को सपा का प्रतिनिधि मंडल लुक्सर जेल पहुंचेगा। सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर 16 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल का गठन किया गया है। प्रतिनिधि मंडल में तीन सांसद समेत जिले के पदाधिकारी शामिल हैं। जो लुक्सर जेल में बंद 100 से अधिक किसानों से मुलाकात करेंगे। मुलाकात के बाद अपनी रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय में रिपोर्ट सौपेंगे। इसके पहले बुधवार को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल किसानों से मिलने ग्रेटर नोएडा पहुंचा था।

प्रतिनिधि मंडल में ये लोग शामिल

प्रतिनिधिमंडल में फतेहपुर सांसद नरेश उत्तम पटेल, मुजफ्फरनगर सांसद  हरेंद्र मलिक, अंबेडकरनगर सांसद लालजी वर्मा, कांठ विधायक कमाल अख्तर, गौतमबुद्ध नगर जिलाध्यक्ष राजकुमार भाटी, दादरी से पूर्व सपा प्रत्याशी  सुधीर भाटी,  प्रदेश महासचिव आश्रय गुप्ता, प्रदेश सचिव फकीर चंद्र, पूर्व जिलाध्यक्ष गजराज, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी बीर सिंह यादव, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी  डा. महेंद्र नागर, जिला पंचायत सदस्य सुनील चौधरी, महानगर अध्यक्ष सुनील भाटी,  प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य इंदर प्रधान, पूर्व प्रत्याशी वर नरेंद्र नागर व जिला सचिव सुधीर तोमर शामिल हैं।

25 नवंबर से महापंचायत किया था शुरू

बता दें कि 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, बढ़ा हुआ 64.7 प्रतिशत मुआवजे और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग लंबे समय से नोएडा के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसको लेकर 10 से अधिक किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 25 नवंबर से महापंचायत शुरू कर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर धरना दिया था। इसके बाद यमुना विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर डेरा डाला था। तीन दिन पहले 2 दिसंबर को हजारों किसानों ने दिल्ली के लिए कूच था। लेकिन नोएडा पुलिस ने आश्वासन देकर दलित प्रेरणा स्थल में रोक लिया था। लेकिन अगले दन मंगलवार को करीब 123 किसान नेताओं को जेल भेज दिया था। इससे नाराज किसान संगठनों ने ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत बुलाई थी। वहीं, जीरो प्वाइंट पर जुट रहे किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कई किसानों की तो रिहाई हो गई है लेकिन अभी कई जेल में बंद हैं। जिनकी रिहाई के लिए किसानों के साथ विपक्ष भी एकजुट है।

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