ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा हॉस्पिटल व स्कूल ऑफ नर्सिंग साइंस एंड रिसर्च ने साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पोस्टर प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी, स्तनपान व हाथ की स्वच्छता जागरूकता और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता समेत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नर्सों को शपथ भी दिलाई गई।
फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में मनाया जाता है ये दिन
विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने कहा कि बदलते दौर के साथ नर्सिंग पेशा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। पहले बेड के अनुपात में नर्सिंग स्टाफ होता था। लेकिन अब यह संतुलन बिगड़ गया है। कई बार वार्ड में विपरीत परिस्थितियां होती हैं। लेकिन एक नर्स की सबसे बड़ी ताकत धैर्य है। हर विपरीत परिस्थिति में एक नर्स ही है, जो धैर्य रखकर मरीजों की सेवा में समर्पित रहती है। यह परंपरा नर्सिंग की नायिका फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद दिलाती है, जिन्हें क्रीमिया युद्ध के घायल सैनिकों की देखभाल करते हुए अंधेरी गलियों में दीपक के साथ इलाज किया।
स्कूल ऑफ नर्सिंग साइंस एंड रिसर्च के एसोसिएट डीन आर श्री राजा ने कहा कि नर्स अपने मरीजों के लिए और पीड़ित लोगों के लिए आशा और आराम का प्रतीक बन जाती है। इस दीपक को प्रतिबद्धता के रूप में जलाते हैं और नर्सों की सेवा की प्रतिज्ञा का पाठ करते हैं। वे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की रीढ़ हैं, जो जरूरत के समय रोगियों को दयालु देखभाल और विशेषज्ञता प्रदान करते हैं।
12 मई को दुनियाभर में मनाया जाता है ये दिन
आपको बता दें, इंटरनेशनल नर्स दिवस हर साल 12 मई को दुनियाभर में, नर्सों द्वारा समाज में किए जाने वाले नर्सों के योगदान को याद करने, इस प्रोफेशन को बढ़ावा देने और नर्सों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।