एक ओर देशभर के हजारों अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी बीच राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग यानी NCPCR ने केंद्र और राज्य सरकारों से मदरसों की फंडिंग बंद करने की डिमांड कर दी है. NCPCR ने इस मामले को लेकर सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर विस्तार से अपनी बात समझाने की कोशिश भी की है.

NCPCR अध्यक्ष ने केंद्र और राज्य सरकारों को लिखा पत्र
NCPCR ने अपने पत्र में कहा है कि मदरसों से निकालकर मुस्लिम बच्चों को बेहतर तालीम के लिए सरकारी या निजी स्कूल में दाखिल कराया जाए. ये पत्र NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा लिखा गया है. जिसकी कॉपी वायरल हो रही है. कानूनगो ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ये पत्र लिखकर सभी सक्षम अधिकारियों से मदरसों को मिलने वाली फंडिंग को रोकने को कहा है.

NCPCR अध्यक्ष ने की मदरसा बोर्ड भंग करने की मांग
इसी के साथ NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मदरसा बोर्ड को भंग करने की भी मांग की है. इस मामले को लेकर आयोग ने 9 साल तक अध्ययन करने के बाद अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबे रिसर्च के बाद पता चला है कि करीब सवा करोड़ से ज्यादा बच्चे अपने बुनियादी शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं. इन बच्चों को इस तरह से टॉर्चर किया जा रहा है कि वे कुछ लोगों के गलत इरादों के मुताबिक़ काम करेंगे.

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