आज के अधुनिक युग में चोर भी हाईटेक हो गए हैं. चोरों ने अब लोगों को निशाना बनाने की जगह सीधे बैंकों में सेंधमारी शुरू कर दी है. दरअसल दिल्ली एनसीआर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां किसी इंसान की जगह बैंक ठगी का शिकार हो गया है. दिल्ली के नैनीताल बैंक में ठगों ने सेंधमारी की है. इस दौरान साइबर ठगों ने बैंक के सर्वर को हैक कर लिया और 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिया.

84 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हुए रुपये
ये पूरा मामला नोएडा सेक्टर 62 के नैनीताल बैंक का है. यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा का अनुषंगी है. ठगी के लिए ठगों ने बैंक के सर्वर को ही हैक कर लिया. इसके बाद 84 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया गया. इस मामले का पता तब चला जब बैंक की आरटीजीएस टीम ने स्ट्रक्चर्ड फाइनेंसियल मैसेजिंग सिस्टम सर्वर के साथ कोर बैंकिंग सिस्टम में सभी ट्रांजेक्शन की जांच की. इसके बाद बैंक के आईटी विभाग के मैनेजर ने मामले में मुकदमा दर्ज करवाया. शुरुआती जांच में पता चला कि बैंक से उड़ाए गए रुपये दिल्ली, यूपी, हरियाणा और पश्चिम बंगाल राज्य के बैंकों में खुलवाये गए खातों में ट्रांसफर किए गए हैं.

साइबर क्राइम ने दो टीमों का किया गठन
बैंक की जांच में पता चला है कि साइबर ठगों ने 16.50 करोड़ रुपए आरटीजीएस कर नैनीताल बैंक को चपत लगाई है. इस मामले में जांच के लिए साइबर क्राइम ने दो टीमों का गठन किया है जो हर बारीक पहलू को खंगाल रही हैं. इस मामले में अब बैंक के खाते किराए पर देने वाला गैंग साइबर क्राइम थाने के निशाने पर है. उनके डाटा जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. नोएडा पुलिस के मुताबिक, इस मामले में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. साथ ही केंद्रीय एजेंसियां और आरबीआई भी जांच में जुटी हुई है. आरबीआई की जांच में डिजिटल हस्ताक्षर का भी मिलान हुआ है. जल्द ही इस मामले में खुलासा कर दिया जाएगा.

बैलेंस शीट में अंतर मिलने पर दर्ज हुई शिकायत
नोएडा के सेक्टर 62 स्थित नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि 17 जून को आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस शीट में करीब 3.61 करोड़ रुपए का अंतर पाया गया था. इसके बाद आरटीजीएस टीम ने स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम सर्वर के साथ कोर बैंकिंग सिस्टम में लेनदेन की जांच की थी. जब 18 जून को फिर से जांच की गई तब भी बैलेंस शीट में अंतर मिला है. बैंक से अब तक 16 करोड़ से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की गई है.

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