ग्रेटर नोएडा के स्कूलों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है. जिसका असर स्कूलों के साथ ही यहां पढ़ रहे छात्रों के भविष्य पर भी पड़ेगा. दरअसल ग्रेटर नोएडा के 12 स्कूलों पर मान्यता रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है. जिला प्रशासन शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत दाखिला नहीं देने वाले 12 निजी स्कूलों की मान्यता खत्म हो सकती है. इस मामले में सोमवार को जिलाधिकारी ने डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है. जो स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब तलब करेगी. उसके बाद शासन को स्कूलों की मान्यता रद्द् करने का पत्र भेजा जाएगा. इन 12 स्कूलों में छह स्कूलों ने आरटीई के तहत एक भी दाखिला नहीं दिया हैं. इन स्कूलों में कुल 228 में से 194 बच्चे चार माह बाद भी पढ़ाई शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.

नोटिस देने के बाद भी मनमानी कर रहे स्कूल
बता दें कि बच्चों को भविष्य को लेकर शिक्षा विभाग आरटीई के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों दाखिला करा रहा है. जिसमें लॉटरी के माध्यम से बच्चों को स्कूलों का आवंटन किया जाता है. इसके उलट निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं और आरटीई के तहत बच्चों का दाखिला नहीं कर रहे हैं. जिसके बाद स्कूलों की लगातार शिकायत मिलने के बाद नोटिस जारी किए गए. मगर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी नहीं रुकी. जिसके बाद बीएसए ने इन सभी 12 निजी स्कूलों की जानकारी जिलाधिकारी को सौंपी है.

डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन
जिलाधिकारी को बताया गया है कि इन स्कूलों को कई बार नोटिस जारी कर चेतावनी दी जा चुकी है. बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने बताया कि दाखिला नहीं देने वाले 12 स्कूलों की मान्यता रद्द् करने की कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. डिप्टी कलेक्टर वेद प्रकाश पांडेय कमेटी के अध्यक्ष होंगे. जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी आशीष कुमार और कुमारी मायावती राजकीय कन्या इंटर कालेज की प्राचार्य छवि सिंह सदस्य होंगीं. स्कूलों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब तलब किया जाएगा.

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