अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के लिए रामजन्म भूमि न्यास कार्यशाला में बचे पत्थरों को तलाशने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। बचे हुए पिलर को तलाशने का काम दिन-रात जारी है। यहां पर 90 फीसदी पिलर का काम अब तक पूरा हो चुका है। करीब 10 फीसदी खंभों को सजाने और संवारने के काम में देश भर के अलग-अलग कोनों से पहुंचे कारीगर दिन-रात लगे हुए हैं। ये पत्थर 90 के दशक से राम जन्म भूमि की कार्यशाला में रखे गये। जब से मंदिर का काम शुरू हुआ, तब से यहां पर दिन रात पत्थरों को तरासने का काम चल रहा है।

90 फीसदी काम अब तक पूरा

NOW NOIDA से बात करते हुए राजेंद्र मोहन वशिष्ठ ने बताया कि करीब 3 दशक से पत्थरों का तराशने का काम जारी है। राजस्थान के वंशी पहाड़पुर से आए लाल पत्थर को तराशने का काम यहां युद्ध स्तर पर चल रहा है। रामजन्म भूमि न्यास कार्यशाला के मुख्य कार्यकर्ता राजेंद्र मोहन वशिष्ठ ने बताया राम मंदिर में 90 फीसदी पत्थरों का काम पूरा हो चुका है। अभी 10 फीसदी खंभों में नक्काशी का काम जारी है।

हजार साल तक बनी रहेगी सुंदरता

राजेंद्र मोहन वशिष्ठ ने बताया कि राजस्थान की इस पत्थर की खासियत ये है कि इस पत्थर की सुंदरता हजार साल तक बनी रहेगी। जिसको तराशने के लिए देश के अलग-अलग कोने से कारीगरों को काम पर लगाया गया है।

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