गौतमबुद्ध नगर में हाईटेक होते लोगों आर्थिक रूप से मजबूत भी हुए हैं. लोगों के आर्थिक रूप से मजबूती मिलने के साथ ही साइबर ठगी की घटनाओं में भी तेजी से इजाफा हुआ है. गौतमबुद्ध नगर में साल 2022 में साइबर ठगी के करीब 14 हजार मामले दर्ज किए गए. वहीं ये ठगी के मामले साल 2023 में दोगुने हो गए. इसके अलावा साल 2024 में ठगी की घटनाएं और बढ़ने के साथ ठगी की रकम में डेढ़ गुना तक इजाफा हो गया.

NCRP के अनुसार साइबर ठगी में गौतमबुद्धनगर पहले स्थान पर

साइबर क्राइम रिपोर्ट पोर्टल की बात करें तो यहां पर गौतमबुद्ध नगर प्रदेश के टॉप शहरों में से एक है. 2022 से लेकर 2024 के बीच यहां साइबर ठगी के 62 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार साइबर ठगी के मामलों में गौतमबुद्ध नगर पहले और गाजियाबाद दूसरे स्थान पर मौजूद है.

गौतमबुद्ध नगर में 3 साल में साइबर ठगी के 62,773 मामले
एनसीआरपी पर आने वाली शिकायतों में से महज 1 फीसदी में ही केस दर्ज किए जाते हैं. कानपुर और आगरा कमिश्नरेट इस मामले में काफी पीछे हैं. गौतमबुद्ध नगर में 3 साल में साइबर ठगी के 62,773 मामलों में शिकायत की गई. अगर 15 दिसंबर तक की बात करें तो यहां 3 साल में केवल 666 केस ही दर्ज हुए हैं. नोएडा जोन की स्थिति केस दर्ज करने के मामले में अन्य की तुलना में बेहतर है. मेट्रो सिटी में 2022 में साइबर क्राइम के करीब 14 हजार मामले सामने आए. जो 2023 में 23172 हो गए. 2024 में इस संख्या में एक बार और इजाफा हुआ और 25360 मामले सामने आ गए.

शेयर ट्रेडिंग और डिजिटल अरेस्ट के जरिए करोड़ों की ठगी
करीब दो साल से शेयर ट्रेडिंग और हाल ही में डिजिटल अरेस्ट के ऐसे साइबर फ्रॉड के मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों ने कई करोड़ रुपये ठगों को दे दिए. जिसका सीधा असर ठगी की रकम पर भी पड़ा. 2023 में एनसीआरपी पर ठगी की रकम 107 करोड़ थी. साल 2024 में ये डेढ़ गुना बढ़कर 259 करोड़ 84 लाख से अधिक हो गई. पुलिस की मानें तो ऐसा होने का बड़ा कारण शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो करंसी और वर्क फ्रॉम होम के नाम पर किए गए बड़े फ्रॉड हैं. कुछ मामलों में लोगों ने 5 से 10 करोड़ रुपये तक ठगों के सुपुर्द कर दिए हैं.

“साइबर क्राइम पोर्टल पर नेशनल लेवल पर होती है मॉनीटरिंग”
डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि 1930 और www.cybercrime.gov.in साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज कराने के प्राथमिक प्लेटफॉर्म हैं. यहां आने वाली शिकायत की मॉनिटरिंग नेशनल लेवल पर की जाती है. इसके साथ ही हर शिकायत को अपडेट करने का काम भी किया जाता है. ऐसे में ये एक रिपोर्ट जैसा ही है. पुलिस इस पोर्टल पर आने वाले केसों पर कार्रवाई करती है और लोगों को रुपये भी वापस कराए जाते हैं. ज्यादातर मामलों में यहां हुई शिकायत के बाद ही होल्ड हुए रुपये लोगों को वापस मिल सके हैं. वहीं कुछ मामलों में होल्ड किए गए रुपये वापस कराने के लिए रिपोर्ट दर्ज करने की जरूरत पड़ती है. वहीं साइबर क्राइम के खिलाफ एक्शन लेने के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.

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