सावन के इस पवित्र महीने में हजारों कांवड़िए गोमुख और हरिद्वार से जल लेने गए हुए हैं. वहीं कई कांवड़िए जल लेकर लौट भी रहे हैं. देखा जाए तो सबसे ज्यादा युवाओं की टोली कांवड़ लेने के लिए जाती है. वहीं ग्रेटर नोएडा के दो बुजुर्ग कांवड़िए भी इस टोली का हिस्सा है. ये दोनों ही युवाओं की टोली में शामिल होकर पिछले 40 सालों से गोमुख से कांवड़ ला रहे हैं. साल दर साल इनकी भक्ति का जज्बा भी बढ़ता जा रहा है. वहीं इन दोनों बुजुर्ग कांवड़ियों को देख कांवड़ लाने वाले युवक भी अचंभित हो जाते हैं. दोनों अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी ध्यान देते हैं. जिसकी बदौलत ही वह इतनी उम्र में भी आसानी से कांवड़ लेकर आ रहे हैं.

40 सालों से गोमुख से कांवड़ ला रहे दो बुजुर्ग
दरअसल ग्रेटर नोएडा के जुनेदपुर गांव में रहने वाले 75 साल के सुरेश नागर और 80 साल के सिद्ध दास अच्छे दोस्त हैं. सिद्ध दास गांव के ही एक प्राचीन मंदिर के पुजारी हैं. जबकि सुरेश नागर मंदिर के पास ही परिवार के साथ रहते हैं. सुरेश नागर ने जानकारी देते हुए बताया कि वह पिछले करीब 40 सालों से गोमुख से कांवड़ लेकर आते हैं और उनके साथ ही सिद्ध दास भी कांवड़ लेकर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि हर साल उनका शिव भक्ति का जुनून बढ़ता ही जा रहा है. परिवार के लोग भी उनकी उम्र को देखते हुए अब कांवड़ गोमुख से नहीं लाने की सलाह देते हैं लेकिन वह सबको दरकिनार करते हुए इस बार भी गोमुख से जल लेने गए हैं.

सुरेश और सिद्ध दास को इस उम्र में भी नहीं होती थकान
सिद्ध दास ने बताया कि वह सोमवार को हापुड़ जिले में प्रवेश कर चुके हैं. जो 2 दिन में अपने गांव पहुंच जाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि उनको किसी भी तरह की थकान इस उम्र में भी नहीं होती है. दोनों सुबह के वक्त करीब 4 किमी टहलते हैं. साथ ही खान-पान पर भी विशेष ध्यान रखते हैं. जिसके चलते उनका स्वास्थ्य काफी अच्छा है. वह देसी खाना खाते हैं. जिसमें छाछ, दही, दूध, गेहूं, चने की रोटी और दाल आदि होती है. वह कभी बाजार का खाना नहीं खाते हैं. साथ ही जंक फूड से काफी दूरी रहते हैं. महीने में करीब 5 से 7 दिन तक वह उपवास भी रखते हैं.

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