जौनपुर के रहने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के बेंगलुरु में आत्महत्या करने से हर कोई स्तब्ध है। उन्होंने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और लगभग 90 मिनट का एक वीडियो बनाकर अपनी पत्नी, ससुराल वालों और न्यायिक व्यवस्था को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया। इस वीडियो में अतुल ने पुलिस, न्यायपालिका और कानून में पुरुषों की अनदेखी पर गहरी चिंता व्यक्त की। इसके अलावा, उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

पत्नी और ससुराल पर लगाए गंभीर आरोप
अतुल ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने पहले सेटलमेंट के लिए एक करोड़ रुपये मांगे, लेकिन बाद में यह मांग तीन करोड़ रुपये तक बढ़ा दी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी ने उन्हें उनके बेटे का चेहरा तक देखने नहीं दिया। इसके अलावा, पत्नी के पिता की मौत के बाद ससुराल पक्ष ने अतुल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया। अतुल ने यह भी खुलासा किया कि फैमिली कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। उनका दावा है कि कोर्ट में पत्नी ने उनसे सुसाइड करने के लिए कहा और जज ने इस पर हंसते हुए मजाक किया।

“मर जाना ही बेहतर समझा” – अतुल का अंतिम संदेश

अतुल ने अपने वीडियो में कहा, “मुझे लगता है कि मर जाना ही बेहतर है, क्योंकि मेरे कमाए हुए पैसे से मेरे ही दुश्मन मजबूत हो रहे हैं। यह अदालत, पुलिस और सिस्टम मेरे जैसे लोगों को बर्बाद कर रहे हैं। अगर मैं ही नहीं रहूंगा, तो मेरे परिवार को परेशान करने की वजह भी खत्म हो जाएगी।”

कोर्ट की तारीखों से परेशान

अपने वीडियो में अतुल ने बताया कि उन्हें इस केस में कोर्ट से 120 बार तारीखें मिलीं, जिनमें से 40 बार उन्हें बेंगलुरु से जौनपुर आना पड़ा। उन्होंने कहा कि इतनी बार कोर्ट के चक्कर लगाना किसी के लिए संभव नहीं है, खासकर जब साल में केवल 23 छुट्टियां मिलती हों।

अस्थि विसर्जन को लेकर अतुल की आखिरी इच्छा, बेटे के लिए छोड़ा गिफ्ट

अतुल ने कहा कि उनकी अस्थियां तब तक विसर्जित नहीं की जानी चाहिए, जब तक कि उन्हें प्रताड़ित करने वालों को सजा न मिल जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इतने सबूतों के बावजूद दोषियों को सजा नहीं मिलती, तो उनकी अस्थियां कोर्ट के बाहर गटर में बहा दी जाएं। अतुल ने अपने साढ़े चार साल के बेटे को 2038 में खोलने के लिए एक गिफ्ट छोड़ा है। उन्होंने इच्छा जताई कि उनका बेटा उनके माता-पिता के पास रहे, ताकि उसे अच्छे संस्कार मिल सकें।

2019 में हुई थी शादी

अतुल की शादी 2019 में हुई थी। दो साल बाद उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न, हत्या और अप्राकृतिक यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराए।

मौत से पहले की घटना

9 दिसंबर की सुबह, बेंगलुरु पुलिस को एक कॉल के जरिए सुसाइड की सूचना मिली। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा तोड़ने पर अतुल को सीलिंग फैन से लटका पाया गया। उन्होंने नायलॉन की रस्सी का उपयोग किया था।

पिता ने बताई संघर्ष की कहानी

अतुल के पिता पवन कुमार ने कहा, “उसने हमें बताया था कि फैमिली कोर्ट में कानून के मुताबिक काम नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट के नियमों के बावजूद, उसे कई बार जौनपुर आना पड़ा। पत्नी और ससुराल पक्ष की लगातार झूठी शिकायतों से वह परेशान था।”

भ्रष्ट सिस्टम से हार गया इंजीनियर?

अतुल के इस दुखद कदम ने पुलिस, न्यायपालिका और समाज के प्रति गहरी चिंता खड़ी कर दी है। अतुल के परिवार ने दोषियों को सजा दिलाने और न्याय की मांग की है।

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