मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया. यहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद प्रदेश भर में पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है. गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के खिलाफ करीब 65 केस दर्ज हैं. लेकिन देखा जाए तो मुख्तार के इस जुर्म के सफर के किस्से बहुत हैं। उन्हीं में से एक किस्सा ये भी है।

जितनी देर बैरक से बाहर रहता CCTV कर दिए जाते थे बंद
मुख्तार दो साल से बांदा जेल में बंद था। मार्च, 2023 के आखिरी हफ्ते में इस जेल से एक कैदी छूटकर बाहर आया था। नाम न बताने की शर्त पर उसने बताया कि मुख्तार को स्पेशल हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया था। उसकी बैरक दूसरे कैदियों से अलग थी। ये बैरक जेल के बीच वाले गेट के पास ही बनी है। गेट के पास ही वह हर रोज घंटे-दो घंटे कुर्सी डालकर बैठता था। वहीं जेल अधिकारियों और दूसरे कैदियों से मिलता था। मुख्तार जब तक वहां बैठता था, कोई उस गेट से आ-जा नहीं सकता था। मुझे जब जेल से छूटना था, तब भी मुख्तार उसी गेट पर बैठा था। इस वजह से मेरी रिहाई करीब दो घंटे लेट हुई। मुख्तार जितनी देर अपनी बैरक से बाहर रहता था, तब तक जेल के उस हिस्से के CCTV बंद रहते थे, ताकि वह किससे मिल रहा है, यह किसी को पता न चले।

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