जहां एक ओर सरकार पुलिस प्रशासन के जनता की सेवा में तत्पर में रहने का दावा करते हैं. वहीं पुलिस प्रशासन है कि अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पहले लुटेरे जनता को लूटते थे अब पुलिस भी इस धंधे में उतर आई है. दरअसल नोएडा से एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसने पुलिस महकमे की नींदें उड़ा कर रख दी है. इन दिनों नोएडा में पुलिसकर्मियों पर एक कैब चालक ने ऐसा आरोप लगाया है, जिसने पुलिस विभाग की न सिर्फ नींदें उड़ा दीं, बल्कि उन्हें शर्मसार भी कर दिया. पहले तो पुलिसवालों ने इस केस को दबाने की भी कोशिश की गई, लेकिन फिर जब मामला सामने आ गया तो पुलिस विभाग को सख्त एक्शन लेना ही पड़ा.

क्या था पूरा मामला?
बता दें कि पूरा मामला दो अगस्त की रात का है. बागपत के बड़ौत निवासी कैब ड्राइवर राकेश तोमर रात करीब एक बजे दिल्ली के पंचशील विहार से एक महिला सवारी को छोड़ने 11 एवेन्यू स्थित गौड़ सिटी आए थे. तभी दो गाड़ियों में सवार होकर करीब पांच लोग उनकी कार के पास आए. इन लोगों ने कैब ड्राइवर को उसकी कार से नीचे उतारा और इस दौरान सभी ने उसके साथ अभद्रता की. एक युवक ने पुलिस की वर्दी भी पहन रखी थी. तभी उन लोगों ने उसे और महिला सवारी को अपनी गाड़ी में जबरन बैठा लिया और एक सुनसान जगह पर ले गए. यहां उसके साथ मारपीट की गई और सात हजार रुपए उससे ले लिए. जब उसने कहा कि उसके पास खर्चे के पैसे नहीं हैं तो 500 रुपए वापस कर सभी लोग मौके से फरार हो गए. घटना के बाद पीड़ित कैब ड्राइवर ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया और मामले की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस पहुंची, लेकिन ड्राइवर ने इस बात का आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उस पर समझौते का दबाव बनाया. पीड़ित ड्राइवर की मानें तो तब जाकर उसे पता चला कि आरोपियों में से जिस युवक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी, वह खुद गौड़ सिटी में तैनात एक दारोगा है.

लूट में शामिल आरोपी पुलिसकर्मी ट्रेनी सब इंस्पेक्टर निकला
कैब ड्राइवर से लूट में शामिल आरोपी पुलिसकर्मी ट्रेनी सब इंस्पेक्टर था. जब उसने पुलिस चौकी पहुंचकर लिखित शिकायत की तो चौकी प्रभारी ने उस आरोपी ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को बुलाकर उसकी पहचान कराई. इसके बाद उसने सात हजार रुपए वापस करने और समझौता करने का प्रेशर भी बनाया, लेकिन पीड़ित ने समझौता नहीं किया और उसने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर से कर दी. पूरा मामला सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच ACP बिसरख को सौंप दी.

ACP बिसरख ने की मामले की जांच

ACP बिसरख ने जांच के दौरान पीड़ित से संपर्क किया. जांच के दौरान आरोप सही पाए गए और इसके बाद थाना बिसरख में ही आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. पुलिस ने ट्रेनी दारोगा अमित मिश्रा और उसके दो साथियों अभिनव और आशीष को गिरफ्तार कर लिया. इसी के साथ पुलिस ने घटना में इस्तेमाल हुई दोनों गाड़ियों को भी कब्जे में ले लिया और आरोपी ट्रेनी दारोगा को सेवा से भी बर्खास्त कर दिया गया. इसके साथ ही उन दो पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हुई, जिन्होंने कैब ड्राइवर पर समझौते का दबाव बनाया था. इसी के साथ थाना प्रभारी बिसरख, चौकी प्रभारी गौड़ सिटी, एक सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र और मोहित को भी सस्पेंड कर दिया गया.

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version