प्रयागराज में आज से महाकुंभ का आगाज हो गया है. इस बार महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान महाकुंभ में कुल छह शाही स्नान की तारीखें पड़ रहीं हैं. महाकुंभ में साधु संतों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती दिख रही है. हर कोई इस पावन मौके पर पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने प्रयागराज पहुंचा है. महाकुंभ में मकर संक्रांति के दिन स्नान का अपना ही महत्व होता है. इस दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं. माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मन को शांति मिलती है. विशेषकर महापुण्य काल में किया गया स्नान बेहद फलदायी माना जाता है.

महाकुंभ में शाही स्नान का महत्व
शाही स्नान का महाकुंभ के दौरान बहुत महत्व होता है. इसका कारण है कि शाही स्नान की तिथियां ज्योतिष गणना के अनुसार तय की जाती हैं. मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान नदियों का पानी अमृत हो जाता है. देवता भी स्वर्ग से नदियों में स्नान के लिए यहां आते हैं. शाही स्नान को बहुत पवित्र और पुण्यदायी माना गया है. शाही स्नान पर पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान
मकर संक्रांति पर यानी कल महाकुंभ के दूसरे दिन पहला अमृत स्नान होगा. मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्व हिंदू धर्म ग्रंथों में बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो पवित्र नदियों में स्नान और दान करता है उसे पुण्य प्राप्त होता है.

कल होगा सूर्य का मकर राशि में प्रवेश
पंचांग के मुताबिक मकर संक्रांति यानी कल सूर्य का मकर राशि में प्रवेश सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर हो जाएगा. कल महा पुण्य काल सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा. ये महा पुण्य काल 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. यानी कुल 1 घंटे 45 मिनट तक पुण्य काल का समय रहेगा. कल पुण्य काल सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा. ये पुण्य काल शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. वहीं ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. इसकी समाप्ति 6 बजकर 21 मिनट पर होगी.

पहले अमृत स्नान का ये है शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति के दिन होने वाले शाही स्नान का सबसे शुभ समय महापुण्यकाल का है. ये समय सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 48 मिनट तक रहने वाला है. इस 1 घंटे 45 मिनट के महापुण्यकाल में शाही स्नान के लिए संगम जाना चाहिए. अगर महा पुण्यकाल में संगम में डुबकी नहीं लगा पाते तो पुण्य काल में स्नान कर सकते हैं.

महाकुंभ 2025 शाही स्नान तिथियां
पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को पहला शाही स्नान
मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को दूसरा अमृत स्नान
मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को तीसरा अमृत स्नान
बसंत पंचमी 3 फरवरी 2025 को चौथा अमृत स्नान
माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 को पांचवा शाही स्नान
महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को आखिरी शाही स्नान

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