भारत के पड़ोसी बांग्लादेश आरक्षण की आग में जल रहा है. पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के पीएम आवास पर कब्जा भी कर लिया है. मगर प्रदर्शनकारियों का गुस्सा अब भी शांत नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी हिंदुओं को टारगेट कर रहे हैं. ऐसे में बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू भारत-बांग्लादेश सीमा पर कूच बिहार जिले के कंटीले तारों के दूसरी तरफ एकत्र हो गए हैं. हालात को देखते हुए इलाके में BSF की 157 बटालियन के जवानों को तैनात किया गया है. बता दें कि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू कंटीले तारों से करीब 400 मीटर दूर गैबंडा जिले के गेंडुगुरी और दैखवा गांवों में जुट गए हैं. शुक्रवार सुबह से ही ये लोग खड़े हैं. दूसरी ओर कूचबिहार में कंटीले तारों के पास शीतलकुची के पठानटुली गांव में पर्याप्त संख्या में बीएसएफ के जवान तैनात किए गए हैं और लगातार गश्त की जा रही है. बीएसएफ के जवान कड़ी निगरानी रख रहे हैं. 

बॉर्डर की निगरानी के लिए समिति की गठित
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश में चल रही स्थिति के मद्देनजर मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति गठित की है. यह समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ कम्युनिकेशन चैनल बनाए रखेगी, ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इस समिति की अध्यक्षता एडीजी, सीमा सुरक्षा बल, पूर्वी कमान करेंगे. समिति के अन्य सदस्यों में महानिरीक्षक (आईजी), बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय दक्षिण बंगाल, महानिरीक्षक (आईजी), बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय त्रिपुरा, सदस्य (योजना और विकास), भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण (LPAI) और सचिव, LPAI, शामिल हैं.

भारतीय नहीं चाहते कि बांग्लादेशी भारत में आएं
बांग्लादेशी हमारे देश में प्रवेश करने के लिए आतुर हैं. सीमा के उस पार से आई हिंदू बांग्लादेशियों की भीड़ का आरोप है कि उनके घर-मंदिर जलाए जा रहे हैं. वो भारत में शरण लेने आए हैं. वहीं इस पार भारतीय लोग इस भीड़ से सशंकित हैं. इनका कहना है कि अगर ये लोग भारत में प्रवेश कर गए तो उनके खाने के लाले पड़ जाएंगे. ऐसे में वे नहीं चाहते कि ये बांग्लादेशी भारत में आएं. इस पार यानी भारत की ओर भी गांव वालों ने भीड़ जमा ली है. हालांकि BSF ने बांग्लादेशी हिंदुओं को समझाने का प्रयास किया है कि उन्हें ऐसा करने नहीं दिया जा सकता.

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