Lucknow: उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा ने तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने इन 10 सीटों में से पांच पर लड़ने का प्रस्ताव हाईकमान को भेजा है। हालांकि कांग्रेस को सपा दो सीट देने के ही मूड में है। यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस काफी उत्साहित है।

पांच सीटों पर कांग्रेस का दावा
पिछले विधानसभा चुनाव में इन दस में से पांच सीटें सपा जीती थी, जबकि तीन पर भाजपा और एक पर उसकी सहयोगी निषाद पार्टी जीती थी। एक सीट रालोद ने सपा के साथ गठबंधन में रहते हुए जीती थी, लेकिन अब वह भाजपा के साथ है। ऐसे में सपा बेहद उत्साहित है. क्योंकि पिछले परिणाम को देखते हुए उसका पलड़ा भारी है। ऐसे में कांग्रेस ने भी सपा के सहारे अपने विस्तार की आस जोड़ ली। वर्तमान में कांग्रेस के पास विधानसभा की मात्र दो सीटें हैं और लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन का लाभ मिलने से उसकी सीटें एक से बढ़कर छह पर पहुंच गईं है। ऐसे में कांग्रेस की प्रदेश इकाई की ओर से पार्टी हाईकमान को प्रस्ताव दे दिया कि पांच सीटों पर सपा लड़े। जिन सीटों पर भाजपा या उसकी सहयोगी दल जीते थे, वह कांग्रेस को लड़ने के लिए दी जाएं।

कांग्रेस को दो सीटें दे सकती है सपा
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में गत दिवस हुई बैठक में कांग्रेस के यूपी के वरिष्ठ नेताओं ने हाईकमान के सामने अपनी मंशा जाहिर भी कर दी। लेकिन हाईकमान ने इस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की। बताया जा रहा है कि सपा की ओर से संकेत दिया गया है कि कांग्रेस को उपचुनाव लड़ने के लिए सिर्फ दो सीटें दी जाएंगी। इसमें भी एक गाजियाबाद और दूसरी अलीगढ़ की खैर। जबकि कांग्रेस को अधिक उम्मीद फूलपुर, मझवां और मीरापुर सीट से है। गाजियाबाद और खैर में भाजपा तुलनात्मक रूप से अधिक मजबूत है। कांग्रेस पांच सीटों पर इसलिए लड़ना चाहती है, ताकि यदि दो-तीन सीटें सपा के सहारे वह जीत गई तो 2027 के लिए सकारात्मक संदेश जाएगा और पार्टी मजबूत होगी।

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