हल्द्वानी में पुलिस सुरक्षा बल, जिला अधिकारी और नगर निगम की टीम कानूनी प्रक्रिया का पालन कर एक अवैध मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने पहुंचे तो वहां पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और प्रशासन पर पत्थर फेकने लगी. इस हादसे में अभी तक दो लोगों की मौत और 50 से ज्यादा पुलिस कर्मीयों के घायल होने की खबर सामने आ रही है. उत्तराखंड राज्य सरकार ने दंगा करने वालों पर गोली चलाने के आदेश जारी कर दिए हैं. मामले को काबू करने के लिए इलाके में कर्फ्यू लगाकर लोगों से सहयोग करने को भी कहा गया है.

Uttrakhand: हल्द्वानी की नगर पालिका टीम सूचना पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस सुरक्षा बल और जिले के अधिकारियों के साथ गांधी नगर में बने अवैध मस्जिद और मदरसे के पास पहुंची और जैसे ही बुलडोजर से अतिक्रमण को हटाने लगी वैसे ही मोहल्ले में रहने वाले सभी लोग यहां तक की महिलाएं सड़क पर उतर आईं. पुलिस ने कार्रवाई में कोई खलल ना पड़े इसके लिए बैरिकेड लगा रखा था, लेकिन लोगों ने बैरिकेड तोड़कर पुलिस, जिला अधिकारियों की टीम और नगर पालिका के सभी लोगों पर जमकर पथराव करना शुरु कर दिया था.

डीएम ने क्या बताया?

नैनीताल की जिला अधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि गैरकानून तरीके से बनाए मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने का नोटिस सभी पक्षों को हाईकोर्ट के आदेश पर पूरे उत्तराखंड राज्य में जारी किया गया था. जिसमें नगर पालिका द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का विवरण और तारीक भी बताया गया है.

अल्पसंख्यक समाज के लोगों को इमारत के गैरकानूनी होने की जानकारी दी जाने के बाद भी उन्होंने पुलिस सुरक्षा बल, प्रशासन और नगर निगम की टीम पर हमला करने का प्लान बनाया था. अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शांत तरीके से चल रही थी कि अचानक से लोगों बड़ी संख्या में जमा हो कर प्रशासन और पुलिस सुरक्षा बल पर पत्थरों से और पेट्रोल बम से हमला करने लगे. इस पूरे कांड में 50 से ज्यादा पुलिस कर्मी और प्रशासन के अधिकारियों के घायल होने की खबर मिली है.

राज्य सरकार का कड़ा कदम

हल्द्वानी में हुई घटना ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया था, लेकिन हालात पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने दंगा करने वालों पर गोली चलाने के आदेश जारी कर दिए हैं और जिन लोगों ने दंगा भड़काया है, उन पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। बता दें कि राज्य के उच्च न्यायालय (High Court) ने राज्य में हुए अवैध निर्माण और कब्जे की घटनाओं पर फैसला सुनाते हुए राज्य की सरकार और प्रशासन को उचित कदम उठाने के आदेश दिए थे. जिसके बाद राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कड़े लफ्जों में हाई कोर्ट के फैसले का पालन करने के आदेश जारी किए थे.

पिछले साल से ही कई जगहों पर बनाए गए अवैध मजार और जंगलों में अतिक्रमण के खिलाफ सरकार और प्रशासन ने मुहिम चला रखा था, जिसके अंतर्गत गांधी नगर में भी सरकार के फैसले का पालन करने और सरकारी संम्पत्ति पर किए गए गैरकानूनी कब्जे को हटाने की कवायद जारी थी.

जिला अधिकारी का दावा

जिला अधिकारी ने ये भी बताया कि जब सबसे पहले भीड़ हमला करने आई तो उसने इट और पत्थर का इस्तेमाल कर प्रशासन पर धावा बोला. जब दूसरी भीड़ पीछे से हमला करने आई थी, तो उसके पास पेट्रोल बम मौजूद था, जिसका इस्तेमाल इलाके में आतंक फैलाने और प्रशासन को सरकारी काम पूरा करने से रोकने का था.

भीड़ ने पूरी ताकत का इस्तेमाल कर हमे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी, लेकिन हमारा पहला काम आम आदमी की सुरक्षा के साथ-साथ हमारे लोगों की भी सुरक्षा थी, जिसे पुलिस टीम ने निभाया है. हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए राज्य सरकार द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स ने कानूनी तौर पर सभी पक्षों को उनकी बात रखने और सबके साथ न्याय सुनिश्चित करने के काम को निष्ठा से किया है.

जिला अधिकारी वंदना सिंह ने मामले की और भी जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में दंगाइयों ने 20 बाइक और सुरक्षा बल की एक बस को जला दिया है, लेकिन सख्ती से सरकार और कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए अवैध निर्माण को जमीदोज जरूर किया जाएगा.

इस मामले पर केंद्र सरकार और यूपी सरकार कि भी नजर बनी हुई है, जिसके चलते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने का निर्देश जारी कर दिया है. आने वाले लोकसभा चुनावों में भी इस घटना की गुंज सुनाई देने की आशंका है.

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