https://nownoida.com/uploads/images/ads/head2.jpg

Holi Special: होलिका का कब है शुभ मुहूर्त, सिर्फ मिलेगा इतने घंटे का समय, जानें एक क्लिक में

top-news
https://nownoida.com/uploads/images/ads/head1.png

होलिका दहन 2025: होलिका दहन का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे रंगों की होली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन, लोग पवित्र अग्नि जलाकर अपने जीवन की नकारात्मकता को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। आइए जानते हैं इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस पर्व का महत्व।

होलिका दहन 2025 का शुभ मुहूर्त

इस साल होलिका दहन 13 मार्च 2025 को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा काल में होलिका दहन नहीं किया जाता। 13 मार्च को भद्रा पूंछ शाम 6:57 बजे से रात 8:14 बजे तक रहेगी और भद्रा मुख का समय रात 10:22 बजे तक रहेगा। ऐसे में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा, यानी इस साल केवल 1 घंटा 4 मिनट का समय मिलेगा।

भद्राकाल और होलिका दहन का समय:

भद्राकाल शुरू: 13 मार्च रात 10:02 बजे
भद्राकाल समाप्त: 13 मार्च रात 10:37 बजे
होलिका दहन शुभ मुहूर्त: 13 मार्च रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक

होलिका दहन की पूजा विधि

किसी खुले स्थान पर लकड़ियों और उपलों से होलिका तैयार करें।
होलिका के पास एक डंडा स्थापित करें, जो बुराई के अंत का प्रतीक होता है।
पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
होलिका को रोली, चावल और फूलों की माला अर्पित करें।
कच्चे सूत को तीन या सात बार होलिका के चारों ओर लपेटें।
गुड़, बताशे, नारियल और गेहूं की बालियां अर्पित करें।
जल से अभिषेक करने के बाद, होली की परिक्रमा करें और मनोकामना प्रकट करें।
शुभ मुहूर्त में अग्नि प्रज्वलित करें और भुनी हुई गेहूं की बालियां प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।

होलिका दहन का महत्व

होलिका दहन को पौराणिक कथा के अनुसार भक्त प्रह्लाद और उनकी बुआ होलिका से जोड़ा जाता है। हिरण्यकश्यप के आदेश पर होलिका, जो कि अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त थी, प्रह्लाद को जलाने के लिए आग में बैठी। लेकिन प्रभु विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर राख हो गई। यह घटना यह दर्शाती है कि सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है।

होलिका दहन से जुड़े लाभ:

नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का नाश होता है।
जीवन में नई सकारात्मकता और शुभता आती है।
परिवार और समाज में प्रेम और सौहार्द की भावना बढ़ती है।
होलिका दहन के अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है, जो प्रेम, भाईचारे और खुशियों का संदेश देती है। इस साल भी यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा और लोग हर्षोल्लास के साथ होली का आनंद लेंगे।

https://nownoida.com/uploads/images/ads/head1.png

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *