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Amroha: 28 साल की भागदौड़ के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी, इस मामले में सालों से छिपता फिर रहा था आरोपी

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कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, चाहे अपराध कितना भी पुराना हो और आरोपी कितना भी शातिर क्यों न हो, एक न एक दिन न्याय उसे ढूंढ ही लेता है। कुछ ऐसा ही हुआ है उत्तर प्रदेश के अमरोहा के बछरायूं थाना क्षेत्र में, जहां एक 28 साल से फरार चल रहा आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया।

सड़क हादसे में युवक की मौत का था मामला 

ये घटना साल 1997 की बताई जा रही है। जब हरलाल उर्फ हरपाल, निवासी देहरी बुजुर्ग थाना बछरायूं, ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए एक युवक को टक्कर मार दी थी। इस दुर्घटना में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था और बाद में उसकी मौत हो गई। मामला इतना गंभीर था कि आरोपी के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। लेकिन इसके बाद हरलाल अचानक फरार हो गया और तब से मुरादाबाद न्यायालय से वांछित चल रहा था।

सालों से फरार आरोपियों की सूची में दर्ज था नाम

इस मामले ने समय के साथ-साथ लोगों की यादों से जरूर दूरी बना ली थी, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में यह केस जिंदा था। हरलाल का नाम उस लिस्ट में दर्ज हो गया था जो कि सालों से फरार चल रहे आरोपियों की सूची थी। पुलिस भी उसकी तलाश में समय-समय पर सक्रिय हुई, लेकिन हर बार हरलाल पुलिस की पकड़ से बचकर निकलता रहा। 

हरलाल कभी गांव से दूर रहने, कभी नाम बदलकर रहने, और कभी पहचान छुपाकर नौकरी करने की वजह से हर बार पुलिस की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब रहा। 

थाना प्रभारी ने दिखाई सक्रियता

हाल ही में जब थाना प्रभारी प्रमोद कुमार के संज्ञान में ये मामला आया तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए तुरंत एक विशेष टीम का गठन कर दिया. उन्होंने पुराने रिकॉर्ड खंगाले, मुखबिरों को सक्रिय किया और गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी की तलाश शुरू कर दी। थाना प्रभारी का यह प्रयास रंग लाया। जिसके बाद सोमवार को पुलिस टीम ने मुरादाबाद से आरोपी हरलाल उर्फ हरपाल को गिरफ्तार कर लिया। हरलाल को उसी न्यायालय में पेश किया गया, जहां वह पिछले 28 सालों से वांछित चल रहा था।

“हम आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश करने में सफल हुए”

थाना प्रभारी प्रमोद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया, “ये व्यक्ति 28 साल से फरार चल रहा था। जैसे ही हमें इसकी जानकारी मिली, हमने विशेष प्रयास शुरू किए। आज हम आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश करने में सफल हुए हैं।”

अपराधी कितना ही चालाक हो, कानून की पकड़ से नहीं बच सकता 

हरलाल की गिरफ्तारी से केवल एक पुराने केस का अंत नहीं, बल्कि समाज को एक संदेश भी पहुंचा है। चाहे अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून की पकड़ से नहीं बच सकता। यह केस पुलिस की सतर्कता, जिम्मेदारी और तकनीकी सहायता से की गई प्रभावी कार्यवाही का उदाहरण है।

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