उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसमें सभी के होश उड़ा दिए हैं। गौतमबुद्ध नगर यूनिवर्सिटी (GBU) की पीएचडी की छात्रा ने डीन-प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न करने का केस दर्ज कराया है।

GBU के डीन के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस

ग्रेटर नोएडा के थाना ईकोटेक-1 में छेड़छाड़ और धमकी जैसे गंभीर आरोप में पीएचडी की छात्रा ने गौतमबुद्ध नगर यूनिवर्सिटी (GBU) के डीन प्रोफ़ेसर एनपी मेलकानिया के खिलाफ केस दर्ज कराया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ये मामला तीन महीने पुराना है। एडीसीपी ग्रेटर नोएडा अशोक कुमार ने बताया कि इस मामले में पीड़िता ने प्रोफेसर पर गंभीर आरोप लगाने की शिकायत थाने पर दी है। शिकायत में डीन प्रोफेसर प्रो. एनपी मेलकानिया के खिलाफ अब एक्शन लेने की तैयारी चल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 94 दिनों तक जब जीबीयू प्रशासन की तरफ से इस मामले में कोई एक्शन नहीं हुआ, तो पीड़ित परिजन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आवाज उठाई।

महिला जाति और शिक्षा का किया अपमान

मामले में लापरवाही देखते हुए पीएचडी की छात्रा की बहन ने एक लेटर यूजीसी अध्यक्ष को लिखा था। जिसमें कहा गया कि मेरी बहन को डीन ने यूनिवर्सिटी में स्थित ऑफिस में आठ जून 2024 को बुलाकर उससे अश्लील बातें की। बाद में ये कहकर बात पलट दी कि वो मोबाइल की बात कर रहा था। आरोप है कि अश्लील शब्दों का प्रयोग कर छात्रा पर गलत दबाव बनाया गया। उन्होंने डीन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय परिसर शिक्षा का मंदिर है। पीड़िता की बहन ने डीन पर अश्लील, अभद्र और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करके महिला जाति के साथ ही शिक्षा का अपमान करने की भी बात कही है। साथ ही डीन पद से हटाने की मांग भी की है।

छात्रा को न्याय का इंतजार

लेटर में कहा गया है कि इंसाफ ने मिलने से पीएचडी छात्रा दुखी और सदमे में है। वहीं, प्रो. एनपी मैलकानिया के हौसले बुलंद दिख रहे हैं, क्योंकि आरोपी और डॉ. अमित अवस्थी (पीएचडी कोऑर्डिनेटर) ने चुनौती दी है कि इस विश्वविद्यालय में हमारा हमेशा से भौकाल चलता आया है। कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाया है। पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है कि उसने मामले की शिकायत की तो आईएसीसी कमेटी तो बनाई गई, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसका आरोप है कि कुछ रसूखदार लोग आरोपी डीन को संरक्षण दे रहे हैं, जिस वजह से प्रशासन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके बाद न्याय की उम्मीद लेकर पुलिस का सहारा लेना पड़ा।

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