Pryagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 498 ए को स्पष्ट करते हुए कहा है कि पति के खिलाफ ‘दूसरी पत्नी’ घरेलू हिंसा का केस नहीं कर सकती है। इसके लिए पहले शादी वैध होनी चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 498 ए को स्पष्ट करते हुए कहा है कि पति के खिलाफ ‘दूसरी पत्नी’ घरेलू हिंसा का केस नहीं कर सकती है। कोर्ट का मानना है कि इसके लिए पहले दोनों की शादी वैध होनी चाहिए। हालांकि दहेज मांगने पर उस अधिनियम के तहत केस हो सकता है।

दहेज के लिए विवाह आवश्यक नहीं

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दहेज के लिए विवाह आवश्यक नहीं है। किसी पुरुष महिला ने शादी तय की है तो भी दहेज अधिनियम में केस दर्ज हो सकता है। न्यायमूर्ति न्यायाधीश अरुण कुमार देशवाल ने धारा 498-ए, 323, 504, 506 और धारा 3/4 के तहत दर्ज मामले के संबंध में आरोप पत्र की पूरी कार्यवाही के साथ-साथ समन आदेश को चुनौती देने वाली पति और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।

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