Geater Noida : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक घोटाला उजागर हुआ है। एयरपोर्ट के नजदीक यम बसाए जा रहे आवासीय और औद्योगिक सेक्टरों में आंतरिक विकास कार्यों के निविदा को लेकर घोटाला सामने आया है। यह घाटोला प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डाक्टर अरूणवीर सिंह ने बुधवार को समीक्षा के दौरान पकड़ लिया। इसके बाद सीईओ ने एक अप्रैल 2022 से विकास कार्यों के लिए निकाले गए सभी निविदा की जांच कराने का निर्देश दिया हैं। जांच प्राधिकरण के अपर मुख्यकार्यपालक अधिकारी विनीत जैन को सौंपी गई है।
टेंडर जारी करने में हो गया खेल
परियोजना और बिजली विभाग के जिन अधिकारियों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ विभागीय र्कारवाई करने के साथ पुलिस में मामला दर्ज कराने का भी आदेश दिया है। साथ ही ऐसे ठेकेदारों को काली सूची में डालने का निर्देश दिया है। आगे निविदा में इस तरह की कोई गड़बड़ी न हो पाए, इसके लिए एक पॉलिसी बनाने का भी सीईओ ने निर्देश दिया है।
वर्क ऑर्डर का नहीं किया अनुबंध
दरअसल, यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर-20 में ब्लाक ए, बी, सी और डी में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए 24 नवंबर 2022 को ई-टेंडर निकाला था। 19 जनवरी 2023 को निविदा जमा करने की अंतिम तिथि थी। इसके बाद 2 फरवरी को टेंडर खोला गया। जिसमें एल-1 में पावर टेक समेत चार फर्म आई। निविदा को वर्क आर्डर का अनुबंध नहीं किया गया। नियमानुसार 90 दिन के अंदर अनुबंध होना चाहिए।
फर्म ने अनुबंध न होने पर मांगा पैसा
प्राधिकरण के अधिकारियों ने फार्म के साथ अनुबंध नहीं किया। बिजली विभाग में फाइल लटकी रही। करीब 90 दिन में अनुबंध न होने पर फर्म ने पैसा वापस करने के लिए आवेदन किया। यह फाइल प्राधिकरण के सीईओ के पहुंची तो उन्होंने फर्म का पैसा वापस कर निविदा निरस्त करने का आदेष कर दिया। सीईओ के आदेश पर फर्म को न पैसा किया और न ही निविदा निरस्त किया। नए सिरे से निविदा निकाला भी नहीं किया। जिससे सेक्टर 20 में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम अटका रहा।
अधिकारियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
सूत्रों के मुताबिक बिजली और परियोजना विभाग के अधिकारियों ने अपने स्तर पर फाइल लटकाए रखा। बुधवार को जब सीईओ के संज्ञान में आया था तो उन्होंने संबंधित अधिकारियां को बुलाकर जवाब मांगा। इस पर कोई सार्थक जवाब नहीं दिया। इसी तरह सिविल विभाग में भी विकास कार्य के लिए 2साल पहले निकाले गए ई-टेंडर पर आज तक कोई फैसला नहीं आया। सीईओ ने जब इस बारे में अधिकारियों को फटकार लगाई तो आनन फानन में ठेकेदार की तरफ से एक पत्र सीईओ के सामने पेश कर दिया गया कि ठेकेदार ने पैसा वापस लेने के लिए पत्र भेजा है।