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हापुड़ में IGRS ऐप बना दिखावे का जरिया, JE ने बाल मज़दूरी की फोटो डाल कर खुद ही खोल दी पोल

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सरकार की महत्वाकांक्षी जनसुनवाई योजना की साख पर सवाल फोटो डालकर कागजों में काम पूरा दिखा कर सरकार की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं।
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Hapur: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता की समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए शुरू की गई जनसुनवाई ऐप (IGRS) अब भ्रष्टाचार छुपाने का माध्यम बनती जा रही है। इसका ताज़ा उदाहरण हापुड़ जनपद के सिम्भावली ब्लॉक के ग्राम हरोड़ा में देखने को मिला। जहां पानी की टंकी निर्माण में हुई अनियमितताओं की शिकायत के जवाब में संबंधित जूनियर इंजीनियर (JE) ने खुद ही एक नाबालिग बालक से मजदूरी कराते हुए फोटो IGRS पोर्टल पर अपलोड कर दी।

यह तस्वीर JE द्वारा की गई लीपापोती का हिस्सा थी, ताकि यह दर्शाया जा सके कि कार्य स्थल पर निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन अधिकारी यह भूल गए कि इस फोटो में बाल श्रम का स्पष्ट प्रमाण भी है, जो कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।

IGRS पोर्टल पर फर्जी फोटो अपलोड कर काम की लीपापोती
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्होंने इस भ्रष्टाचार की शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर की, तो जवाब देने की हड़बड़ी में JE ने खुद ही ऐसा प्रमाण दे दिया, जो न केवल शर्मनाक है, बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि IGRS जैसे महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म पर भी अब केवल औपचारिकताएं निभाई जा रही हैं। संबंधित अधिकारी न तो जांच करते हैं और न ही ठोस कार्रवाई। बल्कि फोटो डालकर कागजों में काम पूरा दिखा कर सरकार की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं।

सख्त कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराई जाए ताकि दोषियों को सजा मिल सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।  ग्रामीणों ने कहा कि JE और ठेकेदार के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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