Greater Noida: गौतमबुद्ध नगर जिले में तीन प्राधिकरण हैं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण। इन तीनों प्राधिकरण में जो भी अधिकारी या फिर कर्मचारी पोस्टिंग पर पहुंचता है, वो अपनी कुर्सी आसानी से छोड़ता नहीं है, फिर चाहे उसको अपनी नौकरी ही क्यों ना दांव पर लगानी पड़ जाए। पिछले दिनों आपने खबरें देखी होंगी, जब प्राधिकरण में ट्रांसफर के बाद भी लंबे समय से जमे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शासन ने तगड़ी कार्रवाई करते हुए कई अफसरों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था। ऐसा नहीं है कि उन पर सीधी कार्रवाई की गई, बल्कि शासन ने ऐसे बाबुओं को चेतावनी भी पहले ही जारी कर दी थी। बावजूद इसके ये अपनी कुर्सी तब तक छोड़ने को तैयार नहीं हुए, जब तक इन पर गाज नहीं गिर गई। अब ताजा मामला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में इसी साल मार्च में रिटायर्ड कर्मियों को 6 महीने के लिए रखा गया था। सितंबर महीने में ही इन कर्मचारियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, उन्हें प्राधिकरण ने आगे एक्सटेंशन भी नहीं दिया। बावजूद इसके ये कर्मचारी अब भी अपनी सीट पर बैठकर काम कर रहे हैं।

किसके सह पर बैठे हैं कर्मचारी?

प्राधिकरण में खेला हर समय होता रहता है, कई बार तो उच्च अधिकारी ऐसे कर्मचारियों को हटा देते हैं, कुछ समय बाद उन्हें फिर काम पर रख लिया जाता है। सवाल सबसे बड़ा ये है कि जिन कर्मचारियों की सेवा समाप्त हो चुकी है, इसके बावजूद ये कर्मचारी अभी तक हटाए क्यों नहीं गये। क्यों ऐसे कर्मचारी प्राधिकरण में बने रह जाते हैं। प्राधिकरण के जिम्मे शहर का विकास कार्य है। यहां हजारों की संख्या में उद्योग हैं, कर्मशियल हब बने हैं, रिहायशी इलाके हैं। एक जिम्मेदार संस्था होने के बावजूद बिना रिकॉर्ड के अगर कोई कर्मचारी कार्य करता है तो प्राधिकरण को किसी भी समय हानि होने की गुंजाइश बनी रहती है। प्राधिकरण की जिम्मेदार अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए, वही लोग कार्य करें जिनका प्राधिकरण में कार्यकाल समाप्त नहीं हुआ है।

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