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Vrindavan के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की होली होगी खास, श्रद्धालुओं पर डाला जाएगा टेसू का रंग, ऐसे किया जाता है तैयार

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वृंदावन में विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर है. जहां पर हर महीने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मगर जब मौका होली का हो तो यहां आने वाले श्रद्धालुओं में गजब का नशा दिखाई देता है.
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वृंदावन में विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर है. जहां पर हर महीने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मगर जब मौका होली का हो तो यहां आने वाले श्रद्धालुओं में गजब का नशा दिखाई देता है. ब्रज में होली की शुरुआत हो चुकी है और होली का वीकेंड चल रहा है. ऐसे में जगह-जगह होली खेली जा रही है. वही इस बार ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में होली और भी खास होने वाली है.

श्रद्धालुओं के लिए तैयार हो रहा टेसू का रंग 

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की ओर से श्रद्धालुओं के लिए टेसू का रंग तैयार किया जा रहा है. जिसे तैयार करने में काफी मेहनत और समय लगता है. कहते हैं कि ये रंग पवित्र ही नहीं बल्कि लाभदायक भी होता है. इससे किसी को भी कोई नुकसान नहीं होता है. इसलिए यह रंग ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में आने वाले भक्तों पर डाला जाता है.

रंग बनाने में लगता है एक माह का समय

टेसू का रंग तैयार करने के लिए लगभग एक माह का समय लग जाता है. टेसू का रंग तैयार करने के लिए सबसे पहले फूल एकत्रित किए जाते हैं. टेसू का रंग फूलों का बना हुआ होता है, जिसमें कई तरह की अन्य चीजें भी मिलाई जाती हैं. ये फूल ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के बंगले में लगने वाले होते हैं. जबकि कुछ फूल बाहर से मंगाए जाते हैं. 

ऐसे बनता है टेसू के फूल से रंग

इन फूलों को एक जगह पर एकत्रित किया जाता है. उसके बाद इन फूलों को तोड़कर धूप में सुखाने के लिए छोड़ दिया जाता है. धूप में फूल सूख जाने के बाद शुरू होती है टेसू का रंग बनाने की प्रक्रिया. जब फूल सूख जाते हैं तो इन फूलों को एक बड़ी कढ़ाही में पानी के साथ खूब उबाला जाता है. पानी जैसे ही गर्म हो जाता है फूल अपना रंग छोड़ने लगते हैं. इसके साथ ही इस रंग को सुंदर और खुशबूदार बनाने के लिए इत्र, चंदन, इलायची आदि अन्य वस्तुओं का प्रयोग होता है.

मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं पर डाला जाता है रंग 

ये रंग लगभग 1 से 2 घंटे भट्टी में गर्म होने के बाद बनकर तैयार हो जाता है. इस रंग को फिर एक ड्रम में रखकर छोड़ देते हैं. जिससे रंग ठंडा हो सके और जब ये ठंडा हो जाता है. तो फिर शुरू होती है टेसू के रंग की होली. जो कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के जगमोहन से गोस्वामी लोग पिचकारी भरकर श्रद्धालुओं पर डालते हैं.

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