Holi पर ठंडाई पीने की परंपरा: जानिए धार्मिक महत्व और स्वास्थ्य संबंधी फायदे
होली का त्योहार आते ही रंगों, पकवानों और मस्ती की बात होने लगती है, लेकिन जब तक ठंडाई का स्वाद न लिया जाए, तब तक इस पर्व का मजा अधूरा सा लगता है।
- Rishabh Chhabra
- 11 Mar, 2025
होली का त्योहार आते ही रंगों, पकवानों और मस्ती की बात होने लगती है, लेकिन जब तक ठंडाई का स्वाद न लिया जाए, तब तक इस पर्व का मजा अधूरा सा लगता है। ठंडाई न केवल शरीर को ठंडक पहुंचाती है बल्कि ऊर्जा भी देती है, जिससे होली के दौरान होने वाली दौड़-भाग और रंग खेलने की थकान कम हो जाती है।
धार्मिक महत्व: शिव भक्ति से जुड़ी परंपरा
होली पर ठंडाई पीने की परंपरा का धार्मिक महत्व भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि शिव भक्त ठंडाई और भांग का सेवन करते थे, क्योंकि इसमें शरीर को ठंडक देने वाले तत्व मौजूद होते हैं। शिवपुराण में भी भांग और ठंडाई का उल्लेख मिलता है। यही कारण है कि होली के मौके पर लोग इसे शुभ मानते हैं और इसे पीने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
स्वास्थ्य लाभ: शरीर को ठंडक और ऊर्जा प्रदान करती है
ठंडाई में बादाम, सौंफ, गुलाब, काली मिर्च, इलायची और खरबूजे के बीज जैसे कई पौष्टिक तत्व होते हैं, जो शरीर को ठंडा रखते हैं और पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं। होली खेलते समय शरीर गर्म हो जाता है, ऐसे में ठंडाई शरीर का तापमान नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके अलावा, इसमें मौजूद ड्राई फ्रूट्स और मसाले इम्यूनिटी को भी मजबूत करते हैं।
भांग वाली ठंडाई: मस्ती और सावधानी दोनों जरूरी
होली के दौरान भांग मिलाकर ठंडाई पीने की परंपरा भी काफी प्रचलित है। भांग एक प्राकृतिक औषधि मानी जाती है, जो दिमाग को शांत करती है और तनाव कम करने में मदद करती है। हालांकि, इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में लेने से नशे की अधिकता हो सकती है।
निष्कर्ष: ठंडाई के बिना अधूरी है होली
ठंडाई सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि होली की पारंपरिक पहचान बन चुकी है। यह न केवल इस त्योहार की मस्ती को बढ़ाती है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होती है। धार्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है, जो इसे होली का अभिन्न हिस्सा बनाता है। इसलिए, होली के रंगों और मिठाइयों के साथ ठंडाई का आनंद जरूर लें, लेकिन संतुलित मात्रा में।
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