Holi Special : होली और भांग का क्या है नाता, परंपरा, पौराणिक मान्यताएं और स्वास्थ्य प्रभाव
होली का त्योहार रंगों, उमंग और मस्ती का प्रतीक है। उत्तर भारत में खासकर मथुरा-वृंदावन, वाराणसी और कानपुर जैसे शहरों में होली के उल्लास में भांग का भी महत्वपूर्ण स्थान है।
- Rishabh Chhabra
- 13 Mar, 2025
होली का त्योहार रंगों, उमंग और मस्ती का प्रतीक है। उत्तर भारत में खासकर मथुरा-वृंदावन, वाराणसी और कानपुर जैसे शहरों में होली के उल्लास में भांग का भी महत्वपूर्ण स्थान है। ठंडाई, लस्सी, गुझिया और अन्य मिठाइयों में भांग मिलाकर इसका सेवन किया जाता है, जिससे होली की मस्ती और भी बढ़ जाती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि होली में भांग की परंपरा की शुरुआत कैसे हुई? आइए जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कथाएं और वैज्ञानिक पहलू।
पौराणिक मान्यताएं और भांग की एंट्री
शिव-पार्वती कथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव जब गहरे ध्यान में लीन थे, तब माता पार्वती ने उन्हें गृहस्थ जीवन में वापस लाने के लिए कामदेव की सहायता ली। कामदेव ने शिव पर प्रेम-बाण चलाया, जिससे उनकी तपस्या भंग हुई। शिव जब ध्यान से बाहर आए, तो उनके वापस गृहस्थ जीवन में लौटने की खुशी में एक भव्य उत्सव मनाया गया, जिसमें भांग का भी उपयोग किया गया।
शरभ अवतार और भगवान नरसिंह
हिरण्यकश्यप का वध करने के बाद भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार का क्रोध शांत नहीं हो रहा था। तब भगवान शिव ने शरभ अवतार धारण कर उन्हें शांत किया। इसी दौरान शिव ने भांग का सेवन किया, जिससे मस्ती और शांति का वातावरण बना।
समुद्र मंथन और भांग का पौधा
मान्यता है कि जब समुद्र मंथन हुआ तो अमृत की कुछ बूंदें मंदार पर्वत पर गिरीं, जिससे भांग का पौधा उत्पन्न हुआ। इसे औषधीय गुणों से भरपूर माना गया और शिव के प्रिय होने के कारण इसका उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में होने लगा।
होली पर भांग का महत्व
होली का समय सर्दी और गर्मी के संक्रमण का होता है, जिसमें शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए ठंडाई जैसी पोषक चीजों का सेवन किया जाता है। भांग मिलाने से इसका आनंद और बढ़ जाता है, जिससे लोग होली की मस्ती में रंग जाते हैं। इसे शिव के प्रसाद के रूप में भी देखा जाता है, इसलिए कई जगहों पर धार्मिक मान्यता के तहत इसे स्वीकार किया जाता है।
स्वास्थ्य लाभ और नुकसान
लाभ:
तनाव और चिंता कम करने में सहायक
मूड को बेहतर बनाता है
सिर दर्द और अनिद्रा में राहत
नुकसान:
अधिक सेवन से मतिभ्रम, सिर दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं
अत्यधिक मात्रा में लेने से बेचैनी और मानसिक अस्थिरता
संयमित सेवन ही सही विकल्प
भांग का आनंद तभी तक अच्छा है जब तक इसका सीमित मात्रा में सेवन किया जाए। अन्यथा, अधिक सेवन से "होली के रंग में भंग" वाली कहावत सच साबित हो सकती है। इसलिए इस होली पर मस्ती जरूर करें, लेकिन संतुलन का ध्यान रखना भी जरूरी है!
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