खुद कोस्टगार्ड नहीं बन सका, तो भारतीय तटरक्षक बल की नकली वेबसाइट बनाकर करने लगा भर्ती, ऐसे हुआ गिरफ्तार

- Nownoida editor1
- 18 Mar, 2025
Noida: नोएडा पुलिस ने युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगने वाले ठग पर शिकंजा कसा है। थाना सेक्टर-58 पुलिस व साइबर टीम ने सोमवार को भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard & ICG ) की आधिकारिक भर्ती वेबसाइट की नकल कर फर्जी वेबसाइट बनाने वाले गौरव सिंह को पूछताछ के बाद बाद गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी गांव नानपुर, थाना किरावली, जनपद आगरा का रहने वाला है। आरोपी पहले खुद कोस्टगार्ड बनने की तैयारी कर रहा था लेकिन सफल नहीं हुआ।
भारतीय तटरक्षक बल ने की शिकायत
पुलिस कमिश्ररेट गौतमबुद्धनगर मीडिया सेल ने बताया कि भारतीय तटरक्षक बल द्वारा साइबर क्राइम सेल, थाना सेक्टर-58 पुसिस को सूचित किया गया था कि उनकी आधिकारिक भर्ती वेबसाइट की नकल कर एक फर्जी वेबसाइट बनायी गयी है। शिकायत के आधार पर थाना सेक्टर-58 में आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई। जांच के दौरान पता चला कि गौरव सिंह ने ने अपनी ई-मेल आईडी gouravsingh2333@gmail-com और मोबाइल नंबर से फर्जी डोमेन खरीदकर उक्त वेबसाइट बनाई थी। साक्ष्यो के आधार पर धाराएं और बढ़ाई गई।
पुलिस कमिश्ररेट गौतमबुद्धनगर मीडिया सेल के मुताबिक, गिरफ्तार गौरव सिंह ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह पहले कोस्टगार्ड की तैयारी करता था। उसने कई बार परीक्षा दी थी लेकिन उसका सलेक्शन नही हो पाया। अब वह ओवरऐज हो गया था। इसके बाद उसने कोस्टगार्ड की फर्जी वेबसाई आधिकारिक भर्ती वेबसाइट https://joinindiancoastguard-cdac-in/ की नकल कर एक फर्जी वेबसाइट https://joinindiancoastguard-cdac-co-in बनाई। लेकिन कुछ दिनबाद यह वेबसाइट बन्द हो गयी।
फर्जी वेबसाइट कैसे पहचानें?
- 1. यूआरएल (URL) की जांच करें
वेबसाइट का डोमेन नाम सही है या नहीं, देखें।
स्पेलिंग गलत हो सकती है, जैसे कि amaz0n.com या faceboook.com।
क्या वेबसाइट HTTP पर है? सुरक्षित साइटें HTTPS (SSL प्रमाणपत्र) का उपयोग करती हैं।
2. वेबसाइट डिज़ाइन और सामग्री देखें
फर्जी वेबसाइटों का डिज़ाइन अक्सर घटिया होता है।
व्याकरण और वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं।
नकली छवियों या बहुत अधिक पॉप-अप विज्ञापनों पर ध्यान दें।
3. संपर्क जानकारी की जांच करें
क्या वेबसाइट पर ईमेल, फोन नंबर और पता सही तरीके से दिया गया है?
संदिग्ध ईमेल (जैसे support@gmail.com बजाय support@realcompany.com) संकेत हो सकता है।
4. समीक्षाएं और रेटिंग जांचें
गूगल पर वेबसाइट के बारे में समीक्षाएं (reviews) खोजें।
Trustpilot या अन्य विश्वसनीय प्लेटफॉर्म से रेटिंग देखें।
यदि समीक्षाएं बहुत अच्छी लग रही हैं और सभी 5-स्टार हैं, तो यह फर्जी हो सकता है।
5. बहुत अच्छे ऑफर से सावधान रहें
यदि कोई वेबसाइट अविश्वसनीय रूप से सस्ते दामों पर चीज़ें बेच रही है, तो यह स्कैम हो सकता है।
"फ्री गिफ्ट" या "100% गारंटी" जैसी चीजों पर शक करें।
6. डोमेन एज और WHOIS डिटेल्स देखें
whois.domaintools.com जैसी वेबसाइट से डोमेन की उम्र जांचें।
अगर वेबसाइट बहुत नई है (1-2 महीने पुरानी), तो सतर्क रहें।
7. सोशल मीडिया और ग्राहक प्रतिक्रिया देखें
असली कंपनियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल होते हैं।
अगर वेबसाइट के सोशल मीडिया लिंक नहीं हैं या वे काम नहीं कर रहे हैं, तो यह एक रेड फ्लैग है।
8. वेबसाइट के पेज और लिंक जांचें
"अबाउट अस" (About Us), "कॉन्टैक्ट" (Contact), "रिटर्न पॉलिसी" जैसे पेज अधूरे या गायब हो सकते हैं।
वेबसाइट के लिंक अजीब या टूटे हुए हो सकते हैं।
9. भुगतान विधि और सिक्योरिटी चेक करें
केवल क्रेडिट कार्ड, PayPal जैसी सुरक्षित भुगतान विधियों का उपयोग करें।
UPI, बैंक ट्रांसफर, गिफ्ट कार्ड के माध्यम से भुगतान मांगना संदिग्ध हो सकता है।
10. गूगल से वेबसाइट वेरिफाई करें
Google Safe Browsing पर वेबसाइट की सुरक्षा जांचें।
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