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Watch Video; सुनीता विलियम्स और उनके साथियों का अंतरिक्ष से धरती तक सफर, जानिए कैसा रहा?

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भारतीय समयानुसार सुबह 10:35 बजे के करीब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के हैच बंद करके और अनडॉकिंग करके, पृथ्वी की ओर अपनी यात्रा शुरू की थी।
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जून 2024 से अंतरिक्ष में स्थित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी आखिरकार पृथ्वी पर वापस लौट आए हैं। नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के साथी बुच विलमोर, निक हैग और कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव एस्ट्रोनॉट्स स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्रॉफ्ट के जरिए फ्लोरिडा के गल्फ कोस्ट पर सुरक्षित लैंड किया है।

ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को धरती पर लाने के लिए खास तरीका अपनाया
गौरतलब है कि क्रू-9 (Crew-9) ने 18 मार्च, 2025 को भारतीय समयानुसार सुबह 10:35 बजे के करीब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के हैच बंद करके और अनडॉकिंग करके, पृथ्वी की ओर अपनी यात्रा शुरू की थी। इसके बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने पृथ्वी की ओर लौटने के लिए एक खास तरीका अपनाया, जिसके कारण स्पेसक्राफ्ट सुरक्षित रूप से पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर सका। इसके बाद अपने निर्धारित स्थान पर पानी में लैंड कर पाया। इसके बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथियों को एस्ट्रोनॉट्स के स्पेसक्राफ्ट से निकाला गया। ये सबी वो लोग नासा के ह्युमन स्पेसफ्लाइट ऑपरेशन्स का मुख्यालय, जॉनसन स्पेस सेंटर में है। इसके बाद नासा और स्पेसएक्स के अधिकारी मिलकर भारतीय समयानुसार सुबह 5:00 बजे एक खास मीडिया कांफ्रेंस का आयोजन करेंगे।

ISS पर दो एस्ट्रोनॉट लेने पहुंचे थे 
हालांकि, इतिहास में बहुत सारे ऐसे अन्य एस्ट्रोनॉट्स रहे हैं, जो सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर से पहले आईएसएस पर ज्यादा समय बिता चुके हैं। बता दें कि नासा ने प्लान किया था कि स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में सुनीता और बुच को क्रू-9 टीम के हिस्से के रूप में वापस लाया जाएगा।  क्योंकि एस्ट्रोनॉट निक हैग और कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव ISS पर पहुंचे थे और उनके लिए दो सीटें रिज़र्व की गई थीं, ताकि ये फंसे हुए अंतरिक्ष यात्री वापस आ सकें।

सुनीता विलियम्स ने बनाया स्पेसवॉक का  रिकॉर्ड
जब तक नासा उनके लिए वापसी का इंतजाम कर रहा था,  सुनीता और बुच ने आईएसएस का एक्सपेरिमेंट्स किए, रख-रखाव किया और स्पेसवॉक भी किया। सुनीता ने तो इस दौरान सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने अपने पूरे करियर में सभी 9 अलग-अलग स्पेसवॉक को मिलाकर 62 घंटे का स्पेसवॉक कर लिया है। सुनीता को आईएसएस पर तीन महीने रहने के बाद कमांडर बनाया गया और उन्होंने इस पद पर इस महीने के पहले तक काम किया।

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