सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को लगाई फटकार; कहा- सिर्फ अपने पैसों की चिंता है, हजारों फ्लैट बायर्स का दर्द नहीं दिख रहा
नोएडा अथॉरिटी को फटकारते हुए कहा कि इस हालत के लिए अथॉरिटी के अधिकारी जिम्मेदार खुद हैं।
- Shiv Kumar
- 19 Mar, 2025
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा विकास प्राधिकरण को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटी को सिर्फ अपने बकाए पैसे की चिंता है, उन हजारों फ्लैट बायर्स से कोई लेना-देना नहीं है, जो अपनी जमा पूंजी लगाने के बावजूद किराए के घर में रह रहे हैं। नोएडा अथॉरिटी ने NCLAT के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। जिसमें NCLAT ने सुपरटेक के 16 अधूरे प्रोजेक्ट्स को नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (NBCC) को देने के आदेश दिए थे। नोएडा अथॉरिटी ने इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि यदि NBCC के पास प्रोजेक्ट चले जाएंगे, तो उसका बकाया कौन चुकाएगा? इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नोएडा अथॉरिटी को फटकारते हुए कहा कि इस हालत के लिए अथॉरिटी के अधिकारी जिम्मेदार खुद हैं। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह SIT के गठन पर भी विचार कर रहा है। जो जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करेगा।
नोएडा अथारिटी के अधिकारी जिम्मेदार
नोएडा अथॉरिटी के अधिवक्ता संजीव सेन ने सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार और जॉयमाल्या बागची की पीठ को बताया कि जब कंपनी दिवालिया कार्यवाही से गुजर रही थी, तो एनबीसीसी को साइटें देना राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण के अधिकार क्षेत्र से बाहर था। दिवालिया कार्यवाही के तहत, नए आवेदक बकाया- नोएडा को देय भूमि बकाया और बैंकों को ऋण चुकाने के लिए उत्तरदायी होगा। इस पर पीठ ने नोएडा अथॉरिटी से कहा कि जमीन का बकाया खत्म हो सकता है, क्योंकि आपने यह समस्या पैदा की है. आप इसके लिए जिम्मेदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमीन देने के लिए ऐसा स्ट्रक्चर क्यों बनाया, जो पूरी तरह से रियल एस्टेट एजेंटों के पक्ष में था? जिसकी वजह से हजारों होमबॉयर्स को 10 साल से अधिक समय तक परेशान होना पड़ा। गौरतलब है कि 21 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के 12 दिसंबर के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें एनबीसीसी को सुपरटेक की अधूरी परियोजनाओं को संभालने के लिए कहा था। 27,000 होमबॉयर्स ने अपना पैसा लगाया था।
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