Lucknow: कैसे फंसे IAS अभिषेक प्रकाश, पढ़ें इनसाइड स्टोरी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के चलते 2006 बैच के IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया है।
- Rishabh Chhabra
- 20 Mar, 2025
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के चलते 2006 बैच के IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया है। इंवेस्ट UP के CEO और यूपी औद्योगिक विकास विभाग के सचिव पद पर तैनात अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। उनके नजदीकी सहयोगी निकांत जैन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस कार्रवाई के बाद यूपी के प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
1 ट्रिलियन डॉलर मिशन में जुटे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के मिशन में जुटे हैं। वे देश-विदेश के उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं, लेकिन उन्हीं के प्रशासनिक अधिकारियों पर निवेशकों से अवैध वसूली का आरोप लगना सरकार की सख्त नीतियों पर सवाल खड़ा कर रहा था। इसी संदर्भ में एक सोलर पैनल कंपनी द्वारा कमीशन मांगने की शिकायत की गई, जिसके बाद सीएम योगी ने इस मामले की गोपनीय जांच कराई। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई।
IAS अभिषेक प्रकाश का करीबी गिरफ्तार, FIR की तैयारी
जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि यूपी में एक सोलर पैनल कंपनी से निवेश के लिए अवैध रूप से कमीशन मांगा जा रहा था। कंपनी ने इसकी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से की, जिसके बाद एक गुप्त जांच कमेटी बनाई गई। रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि होने पर अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया और उनके करीबी निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया। अब इस मामले में FIR दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें IAS अभिषेक प्रकाश को भी आरोपी बनाया जा सकता है।
डिफेंस एक्सपो जमीन घोटाले से भी जुड़े हैं आरोप
अभिषेक प्रकाश पर पहले भी करप्शन के आरोप लग चुके हैं। जब वे लखनऊ के डीएम थे, तब डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए भटगांव में जमीन अधिग्रहण हुआ था। इस दौरान भू-माफियाओं की मदद से किसानों की जमीन सस्ते में खरीदी गई और बाद में उसे ऊंचे दामों पर बेचा गया। सबसे बड़ा घोटाला तब हुआ जब पट्टे की असंक्रमणीय जमीन (जिसे बेचा नहीं जा सकता) को नियमों में हेरफेर कर संक्रमणीय बनाकर बेचा गया।
इस मामले में मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष रजनीश दुबे से जांच करवाई थी। रिपोर्ट में अभिषेक प्रकाश को दोषी पाया गया था, लेकिन 2024 में रजनीश दुबे के सेवानिवृत्त होने के बाद इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब, करीब एक साल बाद सीएम योगी ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए IAS अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है।
प्रशासनिक हलकों में मचा हड़कंप
एक समय IAS अभिषेक प्रकाश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता था। वे तीन साल तक लखनऊ के डीएम रहे और एक साल तक लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत थे। लेकिन अब उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनकी छवि धूमिल कर दी है। इस कार्रवाई के बाद यूपी के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है, और अन्य अधिकारियों के लिए यह एक कड़ा संदेश है कि योगी सरकार में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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