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वेश्या के साथ अनैतिक कार्य करते पकड़ा जाना मानव तस्करी नहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, कहा- सेवा के बदले दिए थे पैसे

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Ghaziabad: गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि वेश्या का ग्राहक बनना, वेश्या के साथ अनैतिक काम करते हुए पकड़े जाने से मानव तस्करी का अपराध साबित नहीं होता है. अदालत ने कहा कि वह एक ग्राहक था, जिसने स्पा सेंटर में सेवा के बदले पैसे दिए थे. आरोपी के खिलाफ चल रहे मुकदमे को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रद्द करने का आदेश भी दिया.

पिछले साल स्पा सेंटर में हुई थी छापेमारी

दरअसल, गाजियाबाद की एसीपी महिला सुरक्षा सौम्या सिंह ने पिछले साल 20 मई को अपनी टीम के साथ गाजियाबाद के एलोरा थाई स्पा सेंटर में छापेमारी की थी. इस छापेमारी में दो युवक और दो युवतियों को आपत्तिजनक हालत में वहां से पकड़ा गया था. इनके पास से पुलिस को रुपए, कंडोम समेत कई सामान मिले थे. इस छापेमारी के दौरान एलोरा थाई स्पा सेंटर की संचालक कोमल, सोनू और भगवंत मौके से फरार हो गए थे.

पुलिस ने मानव तस्करी का दर्ज किया था केस

पुलिस ने जिन युवतियों को पकड़ा था उन्होंने बताया कि कोमल और भगवंत सिंह ने नौकरी देने के बहाने झूठ बोलकर उनलोगों को स्पा सेंटर बुलाया था. इन दोनों ने दबाव डालकर और पैसे का लालच देकर उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया. इस पांच लोगों में एक याचिकाकर्ता भी है, जो कि एक ग्राहक के तौर पर स्पा सेंटर गया था और छापेमारी के दौरान पुलिस की पकड़ में आ गया.

गाजियाबाद कोर्ट के समन को हाई कोर्ट में चैलेंज

पुलिस ने इनके ऊपर मानव तस्करी और अनैतिक देह व्यापार प्रतिषेध अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस की ओर से चार्जशीट भी गाजियाबाद कोर्ट में दाखिल की गई थी. चार्जशीट के आधार पर गाजियाबाद की कोर्ट ने उन्हें समन किया था. इसके बाद याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया और वहां पर इस मुकदमे के खिलाफ याचिका दायर की.

हाई कोर्ट ने केस रद्द करने का दिया आदेश

इसी मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वेश्या का ग्राहक बनना, वेश्या के साथ अनैतिक काम करते हुए पकड़े जाने से मानव तस्करी का अपराध साबित नहीं होता है. अदालत ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया और उनके खिलाफ दर्ज केस को रद्द करने का आदेश दिया.  

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