https://nownoida.com/uploads/images/ads/head2.jpg

Meerut: ईद की नमाज से पहले पुलिस की सख्ती, जयंत चौधरी को प्रशासन की बात खटकी, उठाए ये गंभीर सवाल !

top-news
उत्तर प्रदेश के मेरठ में इस बार ईद की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है।
https://nownoida.com/uploads/images/ads/head1.png

उत्तर प्रदेश के मेरठ में इस बार ईद की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। पुलिस ने सार्वजनिक जगहों और सड़कों पर नमाज पढ़ने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। पुलिस ने कहा है कि यदि कोई सड़क पर नमाज अदा करता पाया गया, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और पासपोर्ट व ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की जाएगी।

जयंत चौधरी का पुलिस प्रशासन पर हमला

मेरठ पुलिस के इस आदेश की केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को सड़कों को खाली रखने के लिए संवेदनशीलता के साथ समुदाय के लोगों से संवाद करना चाहिए, न कि सीधे पासपोर्ट जब्त करने या रद्द करने की धमकी देनी चाहिए। उन्होंने पुलिस के इस रवैये की तुलना जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास 1984 में दिखाए गए कठोर पुलिसिंग से की।

ड्रोन और CCTV से निगरानी, सोशल मीडिया पर भी नजर

मेरठ पुलिस ने कहा है कि ईद के दौरान ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से संवेदनशील इलाकों में निगरानी की जाएगी। पुलिस सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखेगी और किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी सिटी आयुष विक्रम ने स्पष्ट किया कि सभी धर्मगुरुओं और इमामों से अपील की गई है कि लोग केवल मस्जिदों या ईदगाहों में ही नमाज अदा करें।

पिछले साल 200 लोगों पर हुई थी कार्रवाई

मेरठ पुलिस के अनुसार, पिछले वर्ष भी कुछ लोगों ने सड़क पर नमाज अदा की थी, जिसके चलते 200 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था और 80 से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया था। इस बार भी पुलिस ऐसे लोगों पर नजर बनाए हुए है। पुलिस ने साफ कर दिया है कि यदि किसी ने आदेश का उल्लंघन किया, तो कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ उसके दस्तावेज भी जब्त किए जा सकते हैं।

पुलिस के बयान पर उठे सवाल

मेरठ पुलिस के इस फैसले के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन का यह तरीका उचित है? जयंत चौधरी के साथ-साथ कई अन्य लोग भी पुलिस के इस सख्त आदेश पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को सभी समुदायों के धार्मिक मामलों को संवेदनशीलता के साथ देखना चाहिए, न कि जबरन नियम थोपने चाहिए।

https://nownoida.com/uploads/images/ads/head1.png

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *