Eid पर बैरिकेडिंग से नाराज दिखे अखिलेश यादव, बीजेपी पर दागा सवाल, बोले- ये तानाशाही या इमरजेंसी?

- Rishabh Chhabra
- 31 Mar, 2025
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने ईद के मौके पर पुलिस द्वारा उनके काफिले को रोकने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने इस कार्रवाई को ‘तानाशाही’ और ‘आपातकाल जैसा’ बताते हुए योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस ने उनके काफिले को बिना किसी कारण रोका, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या सरकार विपक्षी नेताओं को त्योहारों में शामिल होने से रोक रही है।
‘पुलिस के पास कोई जवाब नहीं था’
अखिलेश यादव ने बताया कि जब वे लखनऊ में ईद समारोह में शामिल होने जा रहे थे, तो पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया। उन्होंने कहा, "आधे घंटे तक बातचीत के बाद मुझे जाने दिया गया, लेकिन जब मैंने कारण पूछा तो किसी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं था।" उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार का एक सुनियोजित कदम था ताकि वह लोगों के बीच न जा सकें।
‘भाजपा संविधान से नहीं चला रही देश’
सपा प्रमुख ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार संविधान के अनुसार नहीं चल रही है। उन्होंने कहा, "बीजेपी सरकार हर कदम राजनीतिक फायदे के लिए उठाती है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसले इसी मानसिकता का हिस्सा थे। अब त्योहारों को प्रभावित करने के लिए बैरिकेडिंग का सहारा लिया जा रहा है।"
PDA के चलते भाजपा सरकार डरी हुई- सपा
समाजवादी पार्टी ने इस घटनाक्रम को दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों (PDA) के खिलाफ साजिश करार दिया। पार्टी ने बयान जारी कर कहा, "भाजपा सरकार दलित-पिछड़ा नेतृत्व को दबाने की कोशिश कर रही है। अखिलेश यादव PDA के सबसे बड़े नेता हैं, और इसी डर से सरकार उन्हें रोकने के असंवैधानिक प्रयास कर रही है।"
‘हम डरेंगे नहीं, संघर्ष जारी रहेगा’
अखिलेश यादव ने कहा कि सपा संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी। उन्होंने सभी देशवासियों को ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा कि यह त्योहार मेल-जोल और सौहार्द का प्रतीक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश की खूबसूरती इसी तरह बरकरार रहेगी, जहां हर धर्म के लोग मिल-जुलकर रहें।
क्या यह विपक्ष को दबाने की कोशिश?
सपा प्रमुख के आरोपों के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या विपक्षी नेताओं को जनता से दूर करने की कोशिश हो रही है। ईद के मौके पर इस तरह की रोकटोक से सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या सफाई देती है, या यह मामला सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा।
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