लोन दिलाने के नाम पर लिए क्रॉस चेक, फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से निकाल लिए 5 लाख से अधिक, दो गिरफ्तार
- Sajid Ali
- 11 Apr, 2025
Noida: नोएडा पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. ये
लोग कार के लिए लोन दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति के अकाउंट से फर्जी तरीके से 5,25,000 रुपए निकाल
लिए. जालसाजों ने कस्टमर केयर में फोन कर मोबाइल नंबर भी बंद करा दिया. पीड़ित से
मैजिक पेन से कैंसल चेक पर हस्ताक्षर कराया, फिर उसे हटाकर
उसमें अमाउंट बदल दिया. 24 मार्च को इस बाबत साइबर थाना में केस दर्ज किया गया था.
लोन दिलाने के नाम पर दिया झांसा
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि पीड़ित ने एसयूवी-700 कार को खरीदने के
लिए कई डीलर से सम्पर्क कर कोटेशन लिया था. इसी क्रम में साइबर अपराधी राजीव ढीगरा
ने उससे अपना नाम आशीष बताकर संपर्क किया और खुद को फाइनेशर बताकर लोन दिलाने की
बात कही. उसने कहा कि उसके कई डीलरों से परिचय है, वह फाइनेंस कराकर गाड़ी जल्द डिलीवर करवा देगा.
बैंक से निकाले 5,25,000
रुपए
राजीव ढीगरा पीड़ित के घर अपने साथी प्रेम प्रकाश सिंह के साथ पहुंचा. पीड़ित
से लोन करने के नाम पर एक कैंसल और दो अन्य चेक 34265-34265 रुपये के प्राप्त लिए.
उन चेकों पर पीड़ित से मैजिक पेन से हस्ताक्षर करवाकर एकाउंट पेयी चेक लेकर मेजिक
पेन से उक्त चेक में साजिश कर अकाउंट पेयी मिटाकर चेक में सेल्फ पे अंकित कर दिया.
और चेक के पीछे पीड़ित के फर्जी हस्ताक्षर कर 5,25,000 रुपये एसबीआई की शाखा बल्लभगढ़
हरियाणा से निकाल लिये.
दोनों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पीड़ित की ओर से इस संबंध में साइबर थाना में केस दर्ज कराया. जांच के दौरान
पीड़ित के सोसायटी और बैंक के सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एवं अन्य
साक्ष्य प्राप्त किये गये तथा लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर
कार्रवाई करते हुए, 9 अप्रैल को राजीव
ढींगरा को गिरफ्तार किया. उसकी निशानदेही पर पर दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार किया
गया. दोनों ने पूछताछ में बताया गया कि उनके द्वारा झांसे से प्राप्त किए गए चेक
में अंकित अमाउंट एवं अन्य विवरण को मैजिक पेन से मिटाकर उस चेक में 5,25,000 रुपये अंकित किये और चेक को सेल्फ पे किया
गया एवं वादी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए. जिसको एसबीआई की बल्लभगढ़ हरियाणा शाखा
में लगाकर नगद 5,25,000 रुपये निकाल
लिए गए.
पूछताछ में बड़ा खुलासा
पूछताछ में उनके द्वारा यह भी बताया गया की उनके द्वारा गूगल के माध्यम से
किसी का आधार कार्ड प्राप्त किया गया जिस पर मॉर्फिन कर फोटो बदलकर बिना
बायोमेट्रिक के सिम प्राप्त कर लिया गया फिर फर्जी सिम को सेकन्ड हेंड मोबाइल फोन
में डालकर वादी से बातचीत कर घटना को अंजाम दिया गया. लेन देन के सम्बन्ध में वादी
को जानकारी न हो इसके लिए एयरटेल के कस्टमर केयर को फोन करके वादी के फोन को बंद
करा दिया गया. घटना के बाद अपराध में प्रयोग किए गए मोबाइल फोन, मैजिक पेन आदि तोड़कर हिंडन नदी के पास
फेंक दिया गया था.
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