UP में इस बार जज के साथ भयानक 'कांड', खबर जान हो जाएंगे आप भी हैरान!

- Rishabh Chhabra
- 14 Apr, 2025
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पुलिस की लापरवाही एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। चोरी के एक मामले में स्थानीय कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) ने ऐसी चूक कर दी, जिससे पूरा महकमा शर्मसार हो गया। दरअसल, एसआई बनवारीलाल ने फरार आरोपी राजकुमार उर्फ पप्पू के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कोर्ट के आदेश को गलत पढ़ लिया और मजिस्ट्रेट नगमा खान को ही आरोपी मानते हुए उनके घर जांच के लिए पहुंच गया।
एसआई ने आदेश को गैर-जमानती वारंट समझते हुए न केवल मजिस्ट्रेट के नाम को फाइल में मुख्य आरोपी के रूप में दर्ज कर लिया, बल्कि उन्हें गिरफ्तार करने की मंशा से उनके घर तक जा पहुंचा। मामला तब खुला जब कोर्ट में फाइल पेश की गई और उसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट नगमा खान का नाम आरोपी के रूप में देखकर कोर्ट ने नाराज़गी जताई।
कोर्ट ने कार्रवाई में लापरवाही बरतने पर एसआई को जमकर फटकार लगाई और कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जांच अधिकारी को ना तो कोर्ट के आदेश पढ़ने की समझ है और ना ही उन्हें यह मालूम है कि वह किसके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। यह एक बेहद गंभीर चूक है, जो पुलिस अधिकारी की कार्यक्षमता और समझदारी पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
कोर्ट ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीर मानते हुए आईजी को जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही कहा है कि ऐसे लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई न हुई तो वे किसी के भी अधिकारों का हनन कर सकते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने एसआई बनवारीलाल को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
यह घटना न सिर्फ पुलिस विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि लापरवाही किस हद तक न्याय व्यवस्था को प्रभावित कर सकती है।
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