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Varanasi के जिस केस पर PM मोदी की नजर, उसमें हो गया बड़ा खेल, पढ़ें एक क्लिक में पूरी खबर

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वाराणसी में सामने आए सनसनीखेज गैंगरेप केस ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। शुरुआती एफआईआर में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था,
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वाराणसी में सामने आए सनसनीखेज गैंगरेप केस ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। शुरुआती एफआईआर में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें 12 नामजद और 11 अज्ञात थे। लेकिन जब पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिया, तो उसने सिर्फ 9 आरोपियों के नाम ही बताए। यह अंतर अब जांच का प्रमुख बिंदु बन गया है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन कर दिया है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

परिजनों के दबाव में आई नई जांच की मांग

आरोपियों के परिजनों ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। परिजनों ने कुछ वीडियो फुटेज, इंस्टाग्राम चैट और अन्य डिजिटल सबूत भी पुलिस को सौंपे, जिनके आधार पर केस की दिशा बदलती नजर आ रही है। इन दस्तावेजों के बाद पुलिस को कई ऐसे बिंदु मिले हैं जो पीड़िता की कहानी पर सवाल खड़े करते हैं।

इंस्टाग्राम पर एक्टिव थी पीड़िता, सीसीटीवी में अकेली घूमती दिखी

पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, 29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच पीड़िता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कई फोटो पोस्ट किए। वहीं, सीसीटीवी फुटेज में वह कई सार्वजनिक जगहों पर अकेले घूमती दिखी, जहां वह चाहती तो पुलिस की मदद ले सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। यह बात जांच में संदेह पैदा कर रही है।

ईद के दिन सेवई खाने गई थी आरोपी के घर

मामले में एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि ईद के दिन युवती स्वेच्छा से एक आरोपी के घर सेवई खाने गई थी। इस घटनाक्रम की भी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि यदि युवती इस स्थिति में खुद जा रही थी, तो फिर आरोपों की प्रकृति पर पुनर्विचार जरूरी है।

धन उगाही के आरोप भी आए सामने

आरोपियों के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि इस मामले के पीछे धन उगाही की साजिश हो सकती है। वे दावा कर रहे हैं कि उन्हें इस केस के बहाने ब्लैकमेल किया जा रहा है। इस दावे की भी एसआईटी गहराई से जांच करेगी।

एफआईआर बनाम कोर्ट बयान: कहां गए बाकी 14 आरोपी?

एफआईआर में जिन 23 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था, उनमें से सिर्फ 9 लोगों के नाम पीड़िता ने कोर्ट में बताए हैं। बाकी 14 लोगों का जिक्र क्यों नहीं किया गया? क्या वह नाम गलत थे, या दबाव में हटाए गए? यह सबसे बड़ा सवाल है, जिसका जवाब अब एसआईटी की जांच से ही सामने आएगा।

अवैध बार और कैफे पर छापेमारी

पीएम नरेंद्र मोदी के इस मामले पर संज्ञान लेने के बाद वाराणसी पुलिस हरकत में आ गई है। शहर के विभिन्न इलाकों में अवैध बार, कैफे और रेस्टोरेंट्स पर लगातार छापेमारी की जा रही है। माना जा रहा है कि पीड़िता की मौजूदगी इन जगहों पर भी देखी गई थी।

जांच के घेरे में हर पहलू

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी हर उस पहलू की जांच कर रही है, जिससे सच सामने आ सके। इसमें पीड़िता की सोशल मीडिया गतिविधियां, घटना के समय की उसकी लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज, इंस्टाग्राम पोस्ट और परिजनों के दावों को शामिल किया गया है। अब सभी की निगाहें एसआईटी की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस उलझे हुए केस की परतें खोल सकती है।

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