Pahalgam Attack के बीच क्यों हो रहीं मारकोस की चर्चा, वजह जान होंगे आप भी हैरान!

- Rishabh Chhabra
- 23 Apr, 2025
पहलगाम में हुए कायराना हमले के बाद पूरे देश मे घटना को लेकर गुस्सा है. वहीं आतंकी हमले के बाद भारत के रुख को देख रहा है. ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि इस आतंकी हमले का बदला ऐसा लिया जाएगा, जिससे आतंक के सरगनाओं की रूह कांप उठेगी. फिलहाल ये चर्चा इसलिए भी तेज हो गई है, क्योंकि भारत की तरफ से मरीन कमांडो फोर्स यानी मार्कोस कमांडो को मैदान में उतार दिया गया है. मार्कोस कमांडो फोर्स का मैदान में उतरना ही इस बात का संकेत होता है कि या तो कोई बड़ा मिशन होने जा रहा है. या फिर कोई साइलेंट मिशन. यही इस कमांडो फोर्स की खूबी भी है और मजबूती भी.
खतरनाक और घातक कमांडो फोर्स
मरीन कमांडो फोर्स को शॉर्ट फॉर्म में मार्कोस कहते हैं.जो कि भारतीय नेवी की स्पेशल ऑपरेशंस यूनिट है. इस यूनिट की खास बात ये है कि यह कमांडो फोर्स समुद्र यानी जल के साथ-साथ जमीन और आसमान में भी किसी भी ऑपरेशन कां अंजाम देने में सक्षम है. इसीलिए इसे भारत की सबसे खतरनाक और घातक कमांडो फोर्स में से एक माना जाता है.
MARCOS क्या है ?
मार्कोस का सबसे पहले इसका गठन 1987 में हुआ था. मार्कोस का मुख्य काम समुद्री आतंकवाद से निपटना है. इसके अलावा विशेष ऑपरेशन में भी इन्हें शामिल किया जा सकता है. खास तौर पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी सिचुएशन में या फिर हॉस्टेज रेस्क्यू करने के मामले में अगर दुश्मन के इलाके में घुसकर कोई साइलेंट ऑपरेशन करना है. तो सबसे पहले मार्कोस को ही याद किया जाता है. ये पनडुब्बी, जहाजों से भी किसी भी मिशन को अंजाम दे सकते हैं.
MARCOS कमांडो का चयन
माकोर्स भारत के सबसे एडवांस्ड कमांडो में से होते हैं. ऐसे में इनकी चयन प्रक्रिया बहुत कठिन होती है. इनकी ट्रेनिंग भी इतनी टफ होती है कि ज्यादातर जवान इसे पूरा करे बिना ही क्विट कर लेते हैं.कमांडो के बीच इस प्रक्रिया को “Hells Week” कहते हैं. इसके लिए नौसेना में चुने गए जवान अपनी इच्छा से कमांडो बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं. हालांकि 80 से 85 प्रतिशत जवान पहले ही चरण में ट्रेनिंग प्रक्रिया से बाहर हो जाते हैं.
ऐसे होती है ट्रेनिंग
जब नौसेना के जवान मार्कोस की ट्रेनिंग के लिए आवेदन करते हैं. तो सबसे पहले उनका फिजिकल फिटनेस टेस्ट होता है. इसमें इन जवानों को बिना थके दिन रात ट्रेनिंग करनी होती है. इस दौरान ये देखा जाता है कि बिना सोए ये कब तक रह सकते हैं और मेंटली प्रेशर कितना और किस हद तक झेल सकते हैं.यह ट्रेनिंग का पहला पड़ाव होता है.इसमें सफल होने के बाद जवानों को गहरे पानी में कॉम्बेट डाइविंग कराई जाती है. यह ट्रेनिंग गहरे पानी में होती है, जिसमें बिना डरे और बिना थके लगातार खुद को साबित करना होता है.
ट्रेनिंग के अलग-अलग पड़ाव
पानी में ट्रेनिंग के बाद बारी आती है जंगल और पहाड़ों में ट्रेनिंग करने की. इसके लिए इन जवानों को मिजोरम ले जाया जाता है और वहां पर कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है. कुछ समय के लिए इन्हें अंडमान निकोबार या अन्य समुद्री क्षेत्र में रखा जाता है और इनका आखिरी पड़ाव जम्मू कश्मीर होता है. यहां इन्हें अर्बन वॉरफेयर के बारे में सीख दी जाता है.यह ट्रेनिंग इतनी टफ होती है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सिर्फ 1 प्रतिशत से कम जवान ही इसे पूरा कर पाते हैं.
दाड़ी वाला फौजी!
मार्कोस की खास पहचान उनकी काली वर्दी और बियर्ड लुक से होती है. इन जवानों के पास हाईटेक हथियार, नाइट विजन और स्नाइफर राइफल्स होती है. खास बात ये है कि इनका कोड ‘दाड़ी वाला फौजी’ होता है.
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *
TommyChalM
hi
play casino
Here, you can discover lots of online slots from top providers. Users can experience classic slots as well as new-generation slots with vivid animation and interactive gameplay. Even if you're new or a seasoned gamer, there’s something for everyone. <a href="https://windlounge.de/">casino slots</a> All slot machines are instantly accessible 24/7 and compatible with desktop computers and mobile devices alike. All games run in your browser, so you can start playing instantly. Site navigation is user-friendly, making it convenient to explore new games. Sign up today, and dive into the thrill of casino games!