PAK के साथ सभी रस्में खत्म, अटारी बॉर्डर पर नहीं खुलेंगे गेट...पहलगाम हमले के बाद भारत ने उठाया सख्त कदम

- Rishabh Chhabra
- 24 Apr, 2025
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। इस हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए अटारी बॉर्डर पर होने वाली पारंपरिक रस्मों को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) ने स्पष्ट किया है कि अब अटारी, हुसैनीवाला और सदकी बॉर्डर पर होने वाली बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के दौरान न तो गेट खोले जाएंगे और न ही पाकिस्तान के जवानों से कोई औपचारिक हाथ मिलाने की रस्म अदा की जाएगी।
बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एक ओर शांति की बात और दूसरी तरफ आतंक की हरकतें—ये दोनों एक साथ नहीं चल सकते। भारत ने यह कदम उस आतंकी हमले के बाद उठाया है जिसमें कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। इस हमले का सीधा संबंध पाकिस्तान से जोड़ा जा रहा है, जिसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रति कड़ा संदेश देने के लिए बॉर्डर पर रस्मी गतिविधियों को स्थगित करने का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि अटारी-वाघा बॉर्डर पर होने वाली बीटिंग रिट्रीट परेड एक लोकप्रिय आकर्षण रही है, जहां दोनों देशों के जवान अनुशासन और परंपरा के साथ अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हैं। परंपरागत रूप से इस परेड के अंत में दोनों देशों के गेट खोले जाते थे और जवान एक-दूसरे से हाथ मिलाते थे। मगर अब यह परंपरा खत्म कर दी गई है। हाल ही में हुई परेड के दौरान दोनों देशों के झंडे बिना गेट खोले ही उतार दिए गए और किसी तरह की कोई आपसी औपचारिकता नहीं निभाई गई।
भारत के इस निर्णय के बाद पाकिस्तान में भी हलचल मच गई है। भारत की कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भी कुछ कदम उठाए हैं, जो भारत के निर्णय की नकल जैसे लगते हैं। पाकिस्तान ने भारत पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए एयरस्पेस बंद करने की घोषणा की है। इसके अलावा पानी रोकने को युद्ध जैसी कार्रवाई बताते हुए पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौते और शिमला समझौते से हटने की धमकी दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह कार्रवाई न सिर्फ एक कड़ा कूटनीतिक संदेश है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आतंक के खिलाफ भारत अब किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा। बीएसएफ ने साफ किया है कि जब तक पाकिस्तान अपनी नीति नहीं बदलता और आतंकी गतिविधियों पर रोक नहीं लगाता, तब तक सीमाओं पर कोई दोस्ताना रस्म या प्रतीकात्मक सौहार्द नहीं दिखाया जाएगा।
इस कदम से दोनों देशों के संबंधों में और खटास आने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन भारत का रुख स्पष्ट है—आतंक और अमन साथ-साथ नहीं चल सकते।
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