फ्लैटों के कब्जे में देरी को लेकर खरीदारों का फूटा गुस्सा, निर्माणाधीन साइट पर NBCC के खिलाफ किया प्रदर्शन
खरीदारों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
- Shiv Kumar
- 26 Apr, 2025
Greater Noida: आम्रपाली लेजर वैली (आदर्श आवास योजना) के सैकड़ों खरीदारों ने अपने फ्लैटों के कब्जे में देरी के खिलाफ शनिवार को दूसरे सप्ताह निर्माणाधीन कंस्ट्रक्शन साइट पर एनबीसीसी (भारत सरकार के अधीन एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी) के खिलाफ प्रदर्शन किया। वर्तमान समय में कंस्ट्रक्शन साइट पर कुछ टावर का निर्माण 50% तक भी पूरा नहीं हुआ है। जिससे खरीदारों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। लोगों को कहना है कि सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग प्रोजेक्ट में इस तरह के हालात कैसे हो सकते हैं।
NBCC अपने वादों को पूरा नहीं कर पाई
प्रदर्शन में शामिल घर खरीदारों ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हम घर खरीदार के दर्द को समझा और उसके बाद ही आम्रपाली ग्रुप को सभी परियोजनाओं को बाहर करके एनबीसीसी को कंस्ट्रक्शन करने का जिम्मा दिया। परंतु अब तो NBCC भी अपने किए गए वादों को पूरा नहीं कर पाई है और लगातार बदले जा रहे कंस्ट्रक्शन डेडलाइन मार्च 2025 को भी पार कर गई है।
कंस्ट्रक्शन साइट पर खरीदारों और अधिकारियों की हुई मीटिंग
प्रदर्शन के बाद एनबीसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कंस्ट्रक्शन साइट पर ही घर खरीदारों की मीटिंग हुई। जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में कुछ चुनौतियां थी जिसे उन लोगों के द्वारा दूर किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि आठ टावर में से तीन टावर A1,G1,H1 की समय सीमा अक्टूबर व F1 को नवंबर 2025 में पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा अन्य चार टावरों B1,C1,D1, E1 के लिए वर्तमान में कंस्ट्रक्शन कर रही कंपनी वाईएफसी प्रोजेक्ट से जिम्मा वापस लेकर फिर से रि-टेन्डर किया जाएगा। इन सब कार्य में 1 महीना लगेगा और उसके बाद अगले 1 साल में इन चार टावर को पूरा कर लिया जाएगा।
इस परियोजना में कुल 32 टावर बनाए जाने हैं
बता दें कि आम्रपाली ग्रुप के इस परियोजना में कुल 32 टावर हैं। जिसे वेरोना हाइट्स पैकेज ए/बी के अंतर्गत 4964 फ्लैट तथा आदर्श आवास योजना के नाम से 1906 फ्लैट बनाने हेतु एनबीसीसी ने टेंडर जारी किया था। आदर्श आवास योजना के नाम से बना रहे 8 टावर को अगस्त 2020 में वाईएफसी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने काम शुरू किया था, और 5 साल बीत जाने के बाद भी अब तक निर्माण अधूरा ही है। मीटिंग के बाद पुनः घर खरीदार को यही चिंता सता रही है कि क्या एनबीसीसी अपने किए गए वादों पर खरा उतरेगा या सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग प्रोजेक्ट की भी हालत आम्रपाली जैसी रहेगी, यह कुछ सवाल अभी भी सभी पीड़ित घर खरीदारों के दिमाग में चल रहे हैं और इसका जवाब तो भविष्य में ही मिल पाएगा।
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